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राहुल गांधी ने अपने 4 पन्ने के इस्तीफे में क्या लिखा है?

कांग्रेस नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं के लाख मनाने के बावजूद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसका ऐलान भी कर दिया है।

इस्तीफे के साथ ही राहुल गांधी ने चार पन्नों की चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के लिए जिम्मेदारी ली और कहा कि पार्टी के लिए काम करना उनके लिए सम्मान की बात है। अपनी चिट्ठी में राहुल गांधी ने लिखा कि कांग्रेस के भविष्य के लिए जवाबदेही जरूरी है। इस वक्त पार्टी को खड़ा करने के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। बीजेपी लोगों की आवाज दबा रही है।

राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि हार के लिए कई लोगों की जिम्मेदारी लेनी होगी। ऐसे में अगर मैं अध्यक्ष होने के नाते हार की जिम्मेदारी नहीं लेता और इसके लिए सिर्फ दूसरों को जिम्मेदार ठहराता तो ये बेईमानी होगी। इस्तीफा देने के साथ ही राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल की पहचान भी बदल दी है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की जगह अब कांग्रेस का एक कार्यकर्ता और सांसद लिखा है।

राहुल गांधी ने पत्र में लिखा, ‘’मेरे कई सहयोगियों ने मुझसे कहा कि आप पार्टी अध्यक्ष के लिए किसी नाम का चुनाव करें, लेकिन ये सही नहीं होगा। हमारी पार्टी का इतिहास पुराना है। कांग्रेस एक विचारधारा वाली पार्टी है और मैं उसका सम्मान करता हूं। मेरा विश्वास है कि पार्टी किसी एक अच्छे नेता का चुनाव करने में पूरी तरह से सक्षम है जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सकता है।‘’

 राहुल गांधी ने लिखा कि मेरा संघर्ष कभी बेकार नहीं जाएगा। मैंने बीजेपी का हमेशा विरोध किया है और आखिरी दम तक बीजेपी की विचारधारा का विरोध करता रहूंगा। मेरा विरोध निजी नहीं बल्कि भारत की विचारधारा के आधार पर है। राहुल ने लिखा कि जब वो द्वेष और घृणा की राजनीति करते हैं तो मैं प्यार की राजनीति करता हूं। यह लड़ाई हमारे करोड़ों भारतीय जनता की लड़ाई है। राहुल ने खत में कहा है कि मैं कांग्रेस का एक वफादार सैनिक हूं और भारत माता का सच्चा सपूत भी। ऐसे में देश को बचाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा।

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