महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने पर सोनिया गांधी का बड़ा बयान, ये है इनसाइड स्टोरी!
महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच रस्साकशी जारी है। शिवसेना सरकार में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर अड़ी हुई है।
शिवसेना को बखूबी पता है कि उसके बगैर बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में सरकार बनाना नामुमकिन जैसा है। इस बीच शिवसेना की निगाहें एनसीपी-कांग्रेस पर भी हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या कांग्रेस शिवसेना को अपना समर्थन देगी। क्योंकि अपनी जिंदगी में बालासाहेब कांग्रेस पर हमले करते रहे। यही वजह है कि कांग्रेस फूंक-फूकर चल रह ही है और शिवसेना को समर्थन देने के ऐलान में जल्दबाजी नहीं कर रही है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान महाराष्ट्र के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी। खबरों के मुताबिक, सोनिया गांधी के मन में कई आशंकाएं थीं, जिस पर उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से चर्चा की।
बताया जा रहा है कि इस दौरान सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं से पूछा कि इस बात कि क्या गारंटी है कि शिवसेना बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर कांग्रेस के साथ आएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र में शिवसेना, एनडीए की घटक है। लंबे मंथन के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं से कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी को अभी और इंतजार करने की जरूरत है।
खबरों के अनुसार, जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बीच मुलाकात होने वाली है। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान महाराष्ट्र को लेकर चर्चा होगी। दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक के बाद इस मुद्दे पर तस्वीर और साफ हो सकती है।
गौरतलब है कि कांग्रेस का एक धड़ा शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में है। इस धड़े का कहना है कि महाराष्ट्र की सत्ता से बीजेपी को बाहर करने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन शिवसेना को देना चाहिए। बताया जा रहा है कि अलाकमान को ये भी सुझाया गया है कि कांग्रेस को बहर से समर्थन देना चहिए। शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने देना चाहिए। इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि शिवसेना और एनसीपी दोनों ही महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पार्टियां हैं।