नैनीताल: नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आखिरकार पकड़े गए आरोपी
केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम रजत भूटानी,दीपा भूटानी और किरन आर्या हैं। इन्होंने 9 लाख रुपये की ठगी की है। इन्हें गिरफ्तार करने में हल्द्वानी पुलिस को कामयाबी मिली है। इनकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित पक्ष ने राहत की सांस ली है।
पीड़ितों के मुताबिक, नौकरी दिलाने के नाम पर मुख्य आरोपी रजत ने अपनी पत्नी दीपा, संबंधी किरन और एक अन्य युवक अंशू मौर्य के सहयोग से 9 लाख रुपये की रकम चैक, नगद और राष्ट्रीय इलैक्ट्रानिक निधि अंतरण (एनईएफटी) के जरिए प्राप्त की। इसके बाद रजत ने ‘कस्टम एक्साईज आफिसर’ पद के लिए पीड़ित महिपाल के नाम से 13 अप्रैल 2018 को जारी एक नियुक्ति पत्र ई-मेल के जरिए उपलब्ध कराया।
नियुक्ति पत्र में सीमा शुल्क और केंद्रयी उत्पाद शुल्क भारत सरकार की मुहर होने के अलावा कस्टम क्लीयरेन्स डिपार्टमेंट इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का पता भी अंकित था, लेकिन पीड़ित ने जब डाक के जरिए नियुक्ति के सम्बंध जानकारी लेनी चाही तो भेजे गए पते से डाक वापस आ गई।
पीड़ितों के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने मामले की सूचना थाना पुलिस में दी। पुलिस ने चौकी में मुख्य आरोपी और उसकी महिला रिश्तेदार को शिकायतकर्ता से मिलवाया और ये कहकर आरोपियों को जाने दिया कि शिकायतकर्ता के पैसे वापस करा दिए जाएंगे। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) हल्द्वानी के न्यायालय में प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 156(3) प्रस्तुत किया और पुलिस की आख्या पर न्यायालय ने अपराध पंजीकृत करवाने हेतु दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
फैसले के खिलाफ शिकायतकर्ता ने सत्र न्यायाधीश नैनीताल के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की। फर्जी नियुक्ति दस्तावेजों को संलग्न करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय और केन्द्रीय गृह मंत्रालय में भी शिकायत की। इस मामले में शिकायतकर्ता ने देहरादून जाकर पुलिस महानिदेशक कार्यालय को भी अवगत कराया। इस बीच मामले में सत्र न्यायालय के थाना पुलिस से आख्या मांगे जाने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच आरम्भ की। जांच के दौरान एक आरोपी हल्द्वानी निवासी अंशू मौर्य को गिरफ्तार कर लिया।