उत्तराखंड कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा राज्यपाल को ज्ञापन, केंद्र और राज्य सरकार पर बोला हमला
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में आज कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
प्रीतम सिंह ने कहा कि कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है। सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोविड19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है। उग्र कोविड—19 महामारी के बीच वैक्सीनेशन ही एकमात्र सुरक्षा है। भाजपा सरकार ने ट्टवैक्सीनेशन की योजना’ बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया। भाजपा सरकार निंदनीय रूप से वैक्सीन की खरीद से बेखबर रही। केंद्र सरकार ने जानबूझकर एक ‘डिजिटल डिवाईड’ पैदा किया, जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई।
केंद्र सरकार ने विभिन्न कीमतों के स्लैब बनाने में जानबूझकर मिलीभगत की, यानि एक ही वैक्सीन के लिए अलग अलग कीमतें तय कीं, ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके। प्रीतम सिंह ने कहा कि भारत सरकार के अनुसार, 31 मई, 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सीन ही लगाई गईं। लेकिन वैक्सीन की दोनों खुराकें केवल 4.45 करोड़ भारतीयों को ही मिली हैं, जो भारत की आबादी का केवल 3.17 प्रतिशत है। पिछले 134 दिनों में, वैक्सीनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस गति से, देश की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो हम देश के नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचा पाएंगे, इस सवाल का जवाब केंद्र सरकार को देना होगा।
इस विकराल महामारी के बीच हमारे देश के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात करने में व्यस्त है। केंद्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63 करोड खुराक दूसरे देशों को निर्यात कर चुकी है। यह देश के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रूपये, राज्य सरकारों के लिए 300 रूपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रूपये है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रूपये, राज्य सरकारों के लिए 600 रूपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रूपये है। निजी अस्पताल एक खुराक के लिए 1500 रूपये तक वसूल रहे हैं।