उत्तराखंड में मंत्रियों के विभागों का हुआ बंटवारा, जानिए किसे कौन सा विभाग मिला
उत्तराखंड सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। सीएम अपनी सरकार के 20 अहम विभागों को देखेंगे।
सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्होंने वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा, आबकारी, गृह, खनन, लोनिवि सरीखे अहम विभाग अपने पास ही रखे हैं। पुराने मंत्रिमंडल में शामिल रहे मंत्रियों और राज्यमंत्रियों के विभागों में कुछ बदलाव नहीं किया गया है। कैबिनेट में दोबारा शामिल डॉ.हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ.धनसिंह रावत, रेखा आर्या के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। डॉ.धन सिंह रावत को आपदा प्रबंधन और यशपाल आर्य को निर्वाचन अलग से दिया गया है।
किसे कौन सा विभाग मिला:
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत:
गोपन (मंत्रिपरिषद), गृह, वित्त, नियोजन, राज्य संपत्ति, राजस्व, न्याय, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, कार्मिक, सतर्कता, सुराज, भ्रष्टाचार एवं जनसेवा, चिकित्सा स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, सूचना एवं लोक संपर्क, लोक निर्माण विभाग, आबकारी, ग्राम्य विकास, ऊर्जा, औद्योगिक विकास (खनन), सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, अखिल भारतीय सेवाओं का संस्थापन।
सतपाल महाराज:
सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व, लघु सिंचाई, जलागम प्रबंधन ।
डॉ.हरक सिंह रावत:
वन, पर्यावरण संरक्षण, कौशल विकास एवं सेवायोजन, जलवायु परिवर्तन, श्रम, आयुष, आयुष शिक्षा।
बंशीधर भगत:
विधायी, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, शहरी विकास, आवास, संसदीय कार्य, खाद्य, सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी।
यशपाल आर्य:
परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, समाज कल्याण, निर्वाचन।
अरविंद पांडेय:
विद्यालयी शिक्षा (बेसिक), खेल, युवा कल्याण, पंचायती राज, विद्यालयी शिक्षा (माध्यमिक), संस्कृत शिक्षा।
गणेश जोशी:
औद्योगिक विकास, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम, सैनिक कल्याण, खादी एवं ग्रामोद्योग।
बिशन सिंह चुफाल:
पेयजल, ग्रामीण निर्माण, वर्षा जल संग्रहण, जनगणना।
सुबोध उनियाल:
कृषि, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास, जैव प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन, उद्यान एवं कृषि प्रसंस्करण।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार:
रेखा आर्या:
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन।
डॉ.धनसिंह रावत:
सहकारिता, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, प्रोटोकाल, उच्च शिक्षा।
यतीश्वरानंद:
भाषा, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, पुनर्गठन।