उत्तराखंड में बारिश का कहर! कमेड़ा में बदरीनाथ हाईवे 20 मीटर तबाह, सैकड़ों तीर्थयात्री फंसे
उत्तराखंड में बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तरफ नदियां उफान पर हैं तो दूसरी तरफ पहाड़ों पर भूस्खलन हो रहा है।
भूस्खलन का असर सड़कों और हाईवे पर पड़ा है। मलबा आने से जगह-जगह सड़कें बाधित हो गई हैं। कई जगहों पर सड़ें धस्वस्त हो गई हैं। बीती रात भारी बारिश हुई। इस बीच बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बाधित हो गया। गोचर के कमेड़ा में हाईवे करीब 20 मीटर तक सड़क ध्वस्त हो गया है। बड़ी मात्रा में यहां पर हाईवे पर मलबा आ गया है। साथ ही छिनका में भी पहाड़ी से मलबा और पत्थर हाईवे पर आया है, जिससे हाईवे बाधित हो गया है। वहीं, यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट पर लगातार बोल्डर और मलबा आने की वजह से पिछले तीन दिनों से बंद है।
हाईवे के बंद होने का असर लोगों पर पड़ा है। एक हजार से ज्यादा तीर्थयात्री रास्ते में फंस गए हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री धाम समेत गीठ पट्टी के कई गांवों का संपर्क कट गया है। हाईवे बंद होने से करीब 300 यात्री स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी के बीच में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर स्थांतरित कर दिया है।
भारी बारिश से चमोली जिले में भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा के पास करीब 200 मीटर से अधिक भूस्खलन से तबाह हो गया है। इसके अलावा 2011 में बनाई गई लाहे की पुलिया भी बह गई है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे सिमलसैंण, बैनोलीबैंड, हरमनी, मल्यापौड़ में मलबा आने से बंद हैं।
वहीं, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने से उमट्टा के पास रास्ता बंद हो गया है। उमट्टा में सड़क अवरुद्ध होने से कर्णप्रयाग, गौचर और सिमली इलाके से आने वाले स्कूली बच्चे एसजीआरआर जयकंडी नहीं जा सके। इन दोनों राजमार्गों पर वाहन फंसे हुए हैं। भारी बारिश से गौचर में हवाई पट्टी के आसपास के घरों में जलभराव हो गया है। ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर सड़कें बंद हैं। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।