उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र के गहमर कोतवाली के सायर गांव में शराब बिक्री को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, सायर चट्टी पर स्थित देशी और बियर की दुकान पर खुलेआम नियमों को तोड़ते हुए मनमाने दामों पर शराब बेची जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहार में शराबबंदी के कारण यहां से बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी की जा रही है, लेकिन प्रशासन और आबकारी विभाग इस पर आंख मूंदे बैठे हैं।
बिहार तक हो रही शराब की तस्करी
गांव के लोगों ने बताया कि सायर चट्टी की यह दुकान बिहार में शराब तस्करी का बड़ा केंद्र बन गई है। शराब तस्कर यहां से बोरो में शराब भरकर बिहार पहुंचाते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यह काम लंबे समय से जारी है और प्रशासन को सब जानकारी होते हुए भी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही।
मंदिर खुलने से पहले खुल जाती है शराब की खिड़की
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर का गेट खुलने से पहले ही शराब की खिड़की खुल जाती है। सुबह-सुबह ही ग्राहकों को ₹75 का पौव्वा ₹90 में बेचा जा रहा है। इस पूरी मनमानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि शराबी के खटखटाने पर सेल्समैन खिड़की से शराब थमा देता है।
नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
नियम के मुताबिक शराब की बिक्री सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक होनी चाहिए, लेकिन यहां समय से पहले और ओवररेट पर बिक्री लगातार हो रही है। जब इस बारे में सेल्समैन से पूछा गया तो उसने कहा, “मालिक से बात कर लीजिए।” वहीं, दुकान के अनुज्ञापी ने भी लापरवाही भरे अंदाज में कहा, “आपको जहां शिकायत करनी हो कर दीजिए, मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
इससे साफ जाहिर है कि दुकान संचालक विभागीय अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चला रहे हैं।
अधिकारियों का जवाब और कार्रवाई की बात
मामले पर एसडीएम संजय यादव ने बताया कि संबंधित अधिकारियों से बात कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आबकारी निरीक्षक सीमा मौर्य से संपर्क करने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
आबकारी जिला अधिकारी ने बताया कि अगर कोई दुकानदार निर्धारित समय से पहले शराब बेचता है तो ₹5,000 का जुर्माना और ओवररेट पर बिक्री करने पर ₹75,000 का जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि “यदि जांच में आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
जनता में आक्रोश, प्रशासन की चुप्पी
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और आबकारी विभाग की शह पर ही यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। लगातार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना यह दर्शाता है कि संबंधित अधिकारी स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं।
(न्यूज़ नुक्कड़ के लिए गाजीपुर से इजहार खान की रिपोर्ट)