उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील के बसुका गांव में ग्राम प्रधान पर तालाब की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कार्य कराने का गंभीर आरोप लगा है। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत उप जिलाधिकारी (एसडीएम) सेवराई संजय यादव से की, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर कार्य रुकवा दिया और जांच के आदेश दे दिए हैं।
ग्रामीणों का आरोप क्या है?
ग्रामीणों ने एसडीएम को दिए पत्रक में बताया कि गांव के पश्चिम दिशा में स्थित तालाब के भीटे पर ग्राम प्रधान द्वारा जेसीबी मशीन से अवैध निर्माण कार्य कराया जा रहा था।
जब ग्रामीणों ने इस संबंध में ग्राम सचिव से पूछताछ की, तो उन्होंने इस तरह के किसी भी कार्य की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान तालाब की भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे थे। उनका आरोप है कि यह कार्य बिना किसी मंजूरी के कराया जा रहा था, जिससे तालाब की मूल संरचना को नुकसान पहुंच सकता है।
मनरेगा योजना को लेकर उठे सवाल
ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर यह कार्य मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहा था, तो फिर जेसीबी मशीन का इस्तेमाल क्यों किया गया।
मनरेगा के नियमों के अनुसार, मशीन से खुदाई या निर्माण कार्य कराना प्रतिबंधित है और श्रम आधारित कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया है। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि तालाब की भूमि को बचाया जा सके।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने किया आरोपों से इनकार
वहीं, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सैफ अली ने ग्रामीणों के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहारों को देखते हुए तालाब के भीटे की सफाई और इंटरलॉकिंग कार्य योजना के तहत प्रस्तावित था।
सैफ अली ने कहा कि यह कार्य ग्राम विकास योजना में शामिल है, जिसका उद्देश्य गांव के लोगों को टहलने और अन्य गतिविधियों के लिए एक स्वच्छ और व्यवस्थित स्थान प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव के कुछ लोग विकास कार्यों में राजनीतिक या व्यक्तिगत कारणों से बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रशासन हरकत में, एसडीएम ने रुकवाया काम
इस मामले पर एसडीएम सेवराई संजय यादव ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों का पत्रक प्राप्त हुआ है। उन्होंने तुरंत हल्का लेखपाल और पुलिस टीम को मौके पर भेजकर संपूर्ण कार्य रुकवाने का आदेश दिया है।
एसडीएम ने पुष्टि की कि पूरा मामला जांच के अधीन है और रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनता में उम्मीद, जांच से सामने आएगा सच
गांव के लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन की जांच से सच्चाई सामने आएगी और अगर अतिक्रमण का मामला साबित होता है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल बसुका गांव में प्रशासन की सख्ती के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से रुक गया है।
(यूपी के गाजीपुर से न्यूज़ नुक्कड़ के लिए इजहार खान की रिपोर्ट)