CAA के तहत 38 हजार हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला पहला राज्य होगा उत्तर प्रदेश!
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर मुस्लिम शरणार्थियों की एक सूची गृह मंत्रालय को भेज दी है। नागरिकता कानून बनने के बाद अवैध प्रवासियों की सूची देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
बताया जा रहा है कि सूबे के 21 जिलों में रहने वाले 40 हजार अवैध शरणार्थियों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। आपको बता दें कि नागरिकता कानून लागू होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने राज्य में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सूची बनाना शुरू दी थी। जिन जिलों में अवैध शरणार्थियों की सूची तैयार की गई है उसमें आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ और पीलीभीत शामिल हैं। ये सभी शरणार्थी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यक हैं।
सबसे ज्यादा शरणार्थी पीलीभीत जिले से हैं। यहां से करीब 30 से 35 हजार शरणार्थी मिले हैं। सीएए लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने राज्य के गृह विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूची भेजी, ताकि इन्हें भारतीय नागरिकता दिलाई जा सके। सरकार ने जिन शराणार्थियों की सूची तैयार की है उनके बैकग्राउंड को भी रिकॉर्ड में रखा है। इनकी कहानियों को एक रिपोर्ट की शक्ल दी गई है। इसका शीर्षक ‘यूपी में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती कहानी’ है। रिपोर्ट में सभी शरणार्थी परिवार के साथ पड़ोसी देश में हुए व्यवहार और वहां की जिंदगी का ब्यौरा दर्ज है।