उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में बिजली उत्पादन से गांवों में फैलेगी ‘रौशनी’!
पिथौरागढ़ में छह परियोजनाओं के निर्माण से करीब पांच मेगावाट बिजली उत्पादन की जाएगी। अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण उरेडा ने परियोजनाओं के निर्माण के लिए सर्वे का काम पूरा कर लिया।
मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक स्थानीय प्रशासन से हरी झंडी मिलते ही इस परियोजनाओं का निर्माण शुरू हो जाएगा। पिथौरागढ़ में जिले में काली नदी, धौली गंगा, रामगंगा, गोरी नदी के अलावा 24 से ज्यादा नदियां हैं। इनमें से कई निदियों के पानी का इस्तेमाल नहीं होने से ये बेकार चला जाता है। अब सरकार छोटी-छोटी परियोजनाओं का निर्माण कर इन नदियों के पानी से बिजली उत्पादन करना चाहती है। इसी के तहत उरेडा की ओर से डीपीआर बनाकर शासन को भेजी गई थी।
शासन से इजाजत मिलने के बाद चरमा नदी, बिर्थी समेत कुल छह जगहों पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए एजेंसी के जरिये सर्वे कराया गया। उसके बाद कंपनी ने सर्वे की रिपोर्ट शासन को सौंपी है। रिपोर्ट के मुताबिक इन नदियों में बिजली उत्पादन की उम्मीद है। ये परियोजनाएं 500 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक क्षमता की होंगी। इन परियोजनाओं से उत्पादित होने वाली बिजली की आपूर्ति स्थानीय गांवों में की जाएगी।
आपको बता दें कि उरेडा के पास फिलहाल सौर ऊर्जा के साथ ही लघु जल विद्युत परियोजनाओं के रखरखाव की भी जिम्मेदारी है। जिले में उरेडा के पास वर्तमान में दो लघु जल विद्युत परियोजनाएं हैं। इनमें 600 किलोवाट की तालेश्वर परियोजना और 400 किलोवॉट की छड़नदेव परियोजना शामिल हैं।