उत्तराखंड: लॉकडाउन के बीच पैदल अपने गांव निकले मजदूर बोले- कोरोना से पहले भूखे मर जाएंगे, मदद की अपील
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे हालात में मुख्य सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं और काम बंद कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड के साथ दूसरे राज्यों में कामगारों को छुट्टी दे दी गई है। ऐसे हालात में उत्तराखंड में सैंकड़ों युवकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। वहीं, जो मजदूर अपने गांव के लिए पैदल ही निकले थे वो भी मुश्किल में हैं। लॉकडाउन की वजह से परिवहन सेवाएं बंद हैं। ट्रेन समेत सभी आवागमन के साधन ठप हैं। ऐसे में सैकड़ों लोगों के सामने सिर्फ एक ही रास्ता बचा है और वो है पैदल चलने का। अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर अपने गांव के लिए मजदू पैदल ही निकल पड़े हैं।
लॉकडाउन की मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ी है। इस बीच दर्जनभर से अधिक महिला पुरुष मजदूरों का जत्था काशीपुर से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित अपने गांव के लिए निकला। इन मजदूरों के मुताबिक, वो धान की बुवाई के लिए काशीपुर आए थे, लेकिन इससे पहले कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड समेत पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया। ट्रेन और बसें बंद होने के बाद वो अब पैदल ही अपने घर का रास्ता तय कर रहे हैं। इसी तरह मसूरी से पैदल चलकर 10 युवकों का जत्था अपने गंतव्य स्थान रामपुर के स्वार के लिए जाते हुए दिखाई दिया। बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव के लिए कूच कर रहे हैं। इनके सामने पैदल चलने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
(काशीपुर से अजीम खान की रिपोर्ट)