टिहरी: पारंपरिक खानपान महोत्सव में 28 आंदोलनकारियों और उनके परिजनों को किया गया सम्मानित
टिहरी गढ़वाल के हेवलघाटी में कटालड़ी खनन विरोधी आंदोलन रजत जयंती और पारंपरिक खानपान महोत्सव मनाया गया। इसमें 28 आंदोलनकारियों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।
महोत्सव का उद्घाटन कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। सुबोध उनियाल ने कहा कि हेवलघाटी को आंदोलन की भूमि है। साल 1994 में ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र में चूना-पत्थर खनन के विरोध में आंदोलन किया गया था। यही वज है कि क्षेत्र में जैवविविधता, जल, जंगल और भूमि बची हुई हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों के हितों के कृषि कानून लागू किय। लेकिन विपक्षी दल और बिचौलिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
बीज-बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने कहा 5 जून 1994 में चूना-पत्थर खनन के ठेकेदारों के खिलाफ खनन विरोधी आंदोलन ग्रामीणों ने शुरू किया था। धरने पर बैठे ग्रामीणों पर ठेकेदारों ने घोड़े दौड़ा दिए थे। इस दौरान कई ग्रामीण घायल हो गए थे।