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आसान हुई प्राइवेट अस्पताल में सर्जरी की राह, सरकारी अस्पतालों से हटेगी कतार

जिस दौर में 71% लोगों का भरोसा देश के अस्पतालों और डॉक्टर्स से उठ चुका हो, जब हर साल 4 करोड़ लोग सर्जरी की कतार में लग जाते हों जिसमें से लाखों लोग किसी ना किसी वजहों से सर्जिकल इलाज से वंचित रह जाते हों,  उस दौर में AB  हॉस्पिटल की पहल देश में एक नया हेल्थ केर मॉडल लेकर तैयार है।

डॉक्टर सुदीप मित्तल, पंकज मित्तल और प्रीति नंदा सिब्बल द्वारा स्थापित एक तकनीक आधारित स्वास्थ्य दूसरों की तुलना में 70% कम दर के साथ सर्जरी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सभी सह-संस्थापक तकनीक और हेल्थ के सेक्टर को एक साथ जोड़कर इसमें पारदर्शिता लाना चाहते हैं, ताकि कतार में खड़े लोगों को इलाज मिल सके।

जिस समय सरकार के सामने आयुष्मान भारत को लागू करने की चुनौती हो उस समय यह पहल काफी निर्णायक साबित हो सकती हे। hernia, gall-bladder, uterus removal, haemmorohid aur biopsy जैसी 5 जनरल सर्जरी को केंद्र बनाकर मरीजों के आने से लेकर जाने तक उसकी देखभाल के लिए प्रतिबद्ध हैं।

देश में फिल्हाल गॉल ब्लैडर की सर्जरी का खर्च  80 हजार रुपये से 1 लाख तक है, जो इस अस्पताल में सिर्फ 21,800 में हो जाएगा। दूसरे हेल्थ केयर से हट कर इस अस्पताल का प्राइसिंग मॉडल एक दम अलग है। मरीजों को केवल एक फिक्स प्राइस ही देना होगा, फिर चाहे मरीज को कितने भी दिन अस्पताल में रुकना पड़े।

AB  हॉस्पिटल की टीम ने 2015 में लैब फॉर श्योर की स्थापना की थी। जिसे 2017 में 1mg द्वारा अधिग्रहित किया गया था। 2017 में इस कंपनी का वार्षिक राजस्व 8.60 करोड़ था। इस मिशन के बाद संस्थापक AB को शानदार सफलता दिलाने की कोशिश में लगे हैं। देश में इस अनोखी पहल की शुरुआत गुरुग्राम के सेक्टर 43 से हो चुकी है।

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