हार रही है मोदी सरकार, चुनाव में RSS ने भी छोड़ा साथ, मोदी के छूटे पसीने: मायावती
बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार जहां सत्ता में आने के सपने देख रही है। वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने बीजेपी के सपनों को चोट पहुंचाने वाला दावा किया है।
मायावती ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की हार होने जा रही है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि आरएसएस ने भी मोदी का साथ छोड़ दिया है। बीएसपी प्रमुख ने कहा कि इस चुनाव में हमें आरएसएस के स्वयंसेवक झोला लेकर नजर नहीं आ रहे हैं। मायावती ने कहा कि उन्हें जनविरोध का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए मोदी के पसीने छूट रहे हैं।
BSP Chief Mayawati: PM Modi's government is losing this election, it appears that even RSS has stopped supporting them. In view of unfulfilled election promises & the public agitation, their swayamsevaks are not being seen putting in the work, it has made Shri Modi nervous. pic.twitter.com/u5EFsCITDD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 14, 2019
वहीं मायावती ने मांग की कि आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग द्वारा बैन के दौरान सार्वजनिक जगहों पर प्रत्याशियों के जाने पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी सार्वजनिक जगहों और मंदिरों में जाते हैं, जिसे मीडिया कवर करता है। ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए। बीएसपी प्रमुख ने रोड शो पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी रोड शो करते हैं, जिस पर ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इसे प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ना चाहिए।
Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati: During a ban on a candidate for violating Model Code of Conduct (MCC), if they go to a public place or offer prayers at a temple & it is shown in media, it should be stopped. Election Commission should take action on it. https://t.co/5wUQ3zASSy
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 14, 2019
उत्तर प्रदेश में बीएसपी, समाजवादी पार्टी और आरएलडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। मोदी के रथ को रोकने के लिए 24 साल बाद बीएसपी ने गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर एसपी से हाथ मिलाया है। यूपी में गठबंधन ये दावा कर रहा है कि इस चुनाव में उसी की जीत होगी। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। ऐसे में यहां के नतीजों पर ही निर्भर करेगा कि आखिर केंद्र में सरकार कौन बनाने जा रहा है।