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उत्तराखंड: हजारों प्रवासी लौटे, इस परेशानी पर नहीं दिया गया ध्यान तो भयावह रूप ले सकता है कोरोना!

उत्तराखंड लॉकडाउन में ढील मिलने के साथ बाहर फंसे प्रवासी लोग बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। लॉकडाउन अवधि से अब तक अल्मोड़ा जिले में विभिन्न राज्यों में फंसे 4 हजार से अधिक प्रवासी अपने गांव लौट आए हैं।

अल्मोड़ा जिले के करीब 20 हजार लोगों ने घर वापसी के लिए पंजीकरण किया है। लेकिन गांवों में जा रहे लोगों के लिए स्पष्ट निर्देश न होने से न केवल ग्राम प्रधानों में असमंजस की स्थिति है, बल्कि गांव आने वाले प्रवासियों में भी स्पष्ट जानकारी का अभाव नजर आ रहा है।

बाहर से आ रहे प्रवासियों को केवल होम क्वारंटाइन करने के निर्देशों के चलते गांवों में अजीब सी स्थिति पैदा हो गयी है। बाहर से आए लोगों को होम क्वारंटाइन कराने के निर्देश के बाद गांवों में ग्राम प्रधान असहमत नजर आ रहे हैं। ग्राम प्रधानों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रो में घर एक दूसरे से मिले हुए हैं। वहीं वहां एक परिवार के पास एक ही शौचालय होते हैं। रहने के लिए अगल से कमरा भी गांव में संभव नही है। ऐसे में इन लोगों को गांव में होम क्वारंटाइन के लिए भेजना गलत है।

ग्राम प्रधानों के मुताबिक, प्रशासन को इन लोगों को 14 दिन तक संस्थागत क्वारंटाइन कराना चाहिए, क्योंकि गावों में ऐसी व्यवस्थाएं ही नहीं है कि सभी को होम क्वारंटाइन के दौरान नियमों का पालन कराया जा सके। उनका कहना है कि अगर प्रशासन द्वारा उन्हें मूलभूत व्यवस्थाएं, वित्तीय फंड उपलब्ध कराया जाए तो इन्हें गांवो के पंचायत भवन, या फिर प्राइमरी स्कूलों में क्वारंटाइन किया जा सकता है।

वही, बाहर से आ रहे प्रवासियों का कहना कि उन्हें जानकारी मिली है कि गांवो में उनका स्वस्थ्य परीक्षण किया जाएगा और अलग से क्वारंटाइन किया जाएगा। इधर एसडीएम का कहना है कि अभी तक सरकार की ओर से ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है और मौजूदा नियमों के अनुसार, ही आने वालों को अपने घरों में क्वारंटाइन रहकर सभी नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

(अल्मोड़ा से हरीश भंडारी की रिपोर्ट)

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