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अयोध्या भूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आगे क्या होगा?

अयोध्या भूमि विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर है। फैसले को देखते हुए अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। साथ ही मुल्क के दूसरे हिस्सों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

आपको बताते हैं कि क्या ये अंतिम फैसला होगा। जिसके पक्ष में फैसला नहीं आएगा उसके लिए आगे का रास्ता क्या होगा। अयोध्या भूमि विवाद में जिस भी पक्ष के हक में अदालत का फैसला नहीं आएगा उसके पास रिव्यू पीटिशन का होगा मौका होगा। कोई भी पक्षकार फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकता है जिस पर बेंच सुनवाई कर सकती है। हालांकि ये अदालत तय करेगी कि वह पुनर्विचार याचिका को कोर्ट में सुने या फिर चैंबर में सुने। बेंच अपने स्तर पर ही इस याचिका को खारिज कर सकती है या फिर इससे ऊपर के बेंच को ट्रांसफर कर सकती है।

पुनर्विचार फैसले के बाद क्या विकल्प होगा?

पुनर्विचार याचिका पर फैसला अपने हक में नहीं आने पर पक्षकार के पास एक और मौका होगा। जिसे क्यूरेटिव पिटीशन यानि उपचार याचिका कहा जाता है। क्यूरेटिव पिटीशन पुनर्विचार याचिका से थोड़ा अलग है।  इसमें फैसले की जगह मामले में उन मुद्दों या विषयों को चिन्हित करना होता है जिसमें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस क्यूरेटिव पिटीशन पर भी बेंच सुनवाई कर सकता है या फिर उसे खारिज कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में अब तक क्या हुआ?

अयोध्या भूमि विवाद का मसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की बेंच ने की है। बेंच ने लगातार 40 दिन सुनवाई की जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। यही फैसला बेंच कल सुनाएगी। गोगोई के अलावा बेंच में जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल रहे। बेंच ने मामले की सुनवाई 6 अगस्त से शुरू की थी।

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