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अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और पीएमसी मुद्दे पर गौरव वल्लभ ने केंद्र से पूछे कई गंभीर सवाल

टीवी डिबेट शो में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा को करारा जवाब देने को लेकर सुर्खियों में आए कांग्रेस प्रवक्त गौरव वल्लभ और सक्रिय हो गऐ हैं।

दिल्ली के कांग्रेस मुख्लाय में शुक्रवार को गौरव वल्लभव ने प्रेस से बात की इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को कई मुद्दों को लेकर निशाने पर लिया उन्होंने कहा नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा, “3 से 4 दिन पहले हावर्ड और आईएमएफ ने एक स्टडी पब्लिश की है। उन्होंने माना कि नोटबंदी के बाद भारत की जीडीपी में, और इकोनॉमिक एक्टिविटी में 3 प्रतिशत की कमी आई। जो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2 प्रतिशत बोला था, उन्होंने लिनियन्ट नंबर दे दिए सरकार को, अब हार्वर्ड की स्टडी में कहा है कि एक नोटबंदी के कारण ही 3 प्रतिशत इकोनॉमिक एक्टिविटी में कमी आई है।”

गौरव वल्लभ ने कहा, “नोटबंदी से अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर खत्म हो गया है, वो इंडिपेंडेंट मुद्दा है। आईटम बॉय आईटम, 2016 से नोटबंदी की जाती है, उससे अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर को खत्म किया जाता है। फ्लॉड इम्प्लिमेंटशन, गलत तरीके से जीएसटी लागू की जाती है, उससे अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर का भट्टा बैठाया जाता है। उसके बाद आईएलएंडएफएस का एक एपिसोड होता है, जिसमें 90,000 करोड़ डूब जाते हैं, मैंने ही इस मंच से प्रेस वार्ता की थी, आज तक क्या हुआ, कौन लोग उसके लिए दोषी पाए गए, क्या सरकार ने उसमे जांच की? किसी को कुछ नहीं पता।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कुछ खास लोगों के कर्जमाफी को लेकर केंद्र पर हमला होला। उन्होंने कहा, “अब एक नया चलन और आ गया है। नया चलन ये आया है कि आपको बैंकों के एनपीए कम करने हैं तो एक चलन है कि आप उसको राइट ऑफ कर दो। इसका मतलब है कि अपनी किताब से बाहर निकाल दो। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि शेड्यूल कमर्शियल बैंकों में 2018-19 में 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का राइट ऑफ हो जाता है। राइट ऑफ का मतलब बैंक अपनी जिम्मेदारी से नमस्ते, अब हम यहां से कोई रिक्वरी नहीं कर सकते, हम इसको बाहर निकाल देते हैं। इसको हम हिंदी में बट्टा खाता कहते हैं। बट्टे खाते में 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपया डाल दिया जाता है और वो भी सिर्फ 100 करोड़ और उससे बड़े बोरोअर्स का। कौन हैं वो बोरोअर्स, उनका नाम प्रकाशित करें? आपने क्यों बट्टे खाते में डाला, आपने क्यों उनसे रिक्वरी करने की कोशिश नहीं की?  कारण ये है कि आपको अपनी बैलेंस शीट सही दिखानी थी कि हम एनपीए कम कर रहे हैं। इस तरह की एनपीए की कमी देश की आर्थिक व्यवस्था में नेगेटिव इंपेक्ट देती है।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “पहले बड़े-बड़े एनपीए हुए, नोटबंदी के कारण और जॉब लॉस के कारण रिटेल बैंकिंग एक्सपोजर में भी एनपीए बढ़ते जा रहे हैं। उसको अब आप अपनी बुक्स में छुपाने के लिए कह रहे हैं कि एक साल तक हम इसकी एनपीए रिकॉग्नाइजेशन ही डेफर करते हैं। क्यों कर रहे हैं ये? इससे कोई अर्थव्यवस्था नहीं सुधरेगी। बिमारी को टालने से बिमारी खत्म नहीं होगी, ये और बड़ी, उग्र होती जा रही है।”

गौरव वल्लभ ने पीएमसी बैंक का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक, रोज हम अखबारों में, टीवी में एक वीडियो वायरल हुआ, मैंने भी देखा – एक महिला मोदी जी की तस्वीर में उनके पांव पड़कर, हाथ जोड़कर अपने आंसू उनके चरणों में डाल कर रो रही है कि मैंने ऐसा क्या गुनाह किया मोदी जी आपको वोट देकर कि मैं मेरे खाते से पैसे नहीं निकाल सकती? वो आप सबने देखी होगी। अब पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक पर कल वित्त मंत्री जी ने अपनी प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि इसमे हमारी कोई जम्मेदारी नहीं है। अगर वो जिम्मेदार नहीं हैं, आरबीआई और फाईनेंस मिनिस्ट्री जिम्मेदार नहीं हैं तो फिर आरबीआई ने विदड्रॉल को रिस्ट्रिक्ट क्यों किया?”

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