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आधी रात गोवा के सीएम बने प्रमोद सावंत, ऐसी है पर्रिकर के उत्तराधिकारी की शख्सियत

गोवा में मनोहर पर्रिकर के निधन के शुरू हुई सियाली हलचल खत्म हो गई है। पर्रिकर के अंतिम संस्कार के 8 घंटे के बाद प्रमोद सावंत ने देर रात मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वो गोवा के 13वें मुख्यमंत्री बन गए हैं।

सावंत के अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदिन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष एवं विधायक विजय सरदेसाई समेत 11 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। सुदिन धवलिकर और विजय सरदेसाई उपमुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है और वो बेहतर करने की कोशिश करेंगे। सावंत ने पर्रिकर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं उनकी वजह से यहां तक पहुंचा हूं। उन्होंने मुझे राजनीति सिखाई। उन्हीं की वजह से विधानसभा का स्पीकर और आज मुख्यमंत्री बना।

कौन हैं प्रमोद सावंत?
प्रमोद सावंत उत्तरी गोवा के सैनक्वलिम विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह पेशे से एक आयुर्वेद डॉक्टर हैं। पर्रिकर के करीबियों को सावंत की भी गिनती होती थी। कहा जाता है कि पर्रिकर ही सावंत को सियासत में लेकर आए। गोवा के नए मुख्यमंत्री करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। उनके पास 3.66 करोड़ की संपत्ति है। हालांकि, सादगी के मामले में सावंत पार्रिकर से अलग हैं। पर्रिकर के पास एक इनोवा कार थी और स्कूटर था। जबकि सावंत के पास 5 कारें हैं।

विधानसभा की मौजूदा स्थिति
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में फिलहाल 36 विधायक हैं। पिछले महीने की बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा का निधन हो गया था। जबकि कांग्रेस के 2 विधायकों ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कम से कम 19 विधायकों की जरूरत थी। जबकि बीजेपी के सिर्फ 12 विधायक थे। ऐसे में गोवा गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन और निर्दलीय तीन विधायकों के समर्थन से बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही। अब बीजेपी के पास बहुमत के आंकड़े से 2 विधायक ज्यादा है। सरकार के साथ 21 विधायक मौजूद हैं।

कांग्रेस ने किया विरोध
गोवा कांग्रेस ने इसका विरोध किया। कांग्रेस नेता सुनील कौथंनकर ने कहा कि हम राज्यपाल मृदुला सिन्हा की इस अप्रजातांत्रिक कार्रवाई की निंदा करते हैं। उन्होंने राज्य की सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया। भाजपा पर सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है।

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