उत्तराखंड का होनहार…गरीबी से लड़कर CBSE बोर्ड में हासिल किए 98 फीसदी नंबर, पूरा देश कर रहा सलाम
कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों, दुष्यंत कुमार की ये चंद पक्तियां उत्तराखंड के विकासनगर के रहने वाले 10वीं के छात्र चंदन रोहिला पर सटीक हैठती हैं।
गरीबी और तंगहाली में चंदन रोहिला ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसे उत्तराखंड ही नहीं आज पूरा देश सलाम कर रहा है। सीबीएसई के 10वीं क्लास में चंदन रोहिल ने 98 प्रतिशत अंक हासिल कर गुरुनानक मिशन इंटर कॉलेज में टॉप किया है। इस कामयाबी के पीछे एक लंबा संघर्ष और कणवी सच्चाई है। चंदन ने ये कारनामा गरीबी में कर दिखाया है। चंदन के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपने बच्चे को ट्यूशन करा सकें। उसके पिता एक जनरल स्टोर पर मुंशी की नौकरी करते हैं, जिसके लिए उन्हें 4-5 हजार की तनख्वाह मिलती है। इतने पैसे उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो रहा था। लेकिन पढ़ाई को लेकर बेटे का जज्बा आर्थिक तंगी में भी कम नहीं हुआ।
विकासनगर के गुरुद्वारा गली में चंदन अपने परिवार के साथ रहता है। आर्थिक तंगी का जिक्र करते हुए चंदन की मां माया देवी की आंखें भर गईं। उन्होंने कहा कि चंदन की लगन और मेहमन की वजह से आज उन्हें ये खुशी नसीब हुई है। वो कहती हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से चंदन कभी ट्यूशन या दूसरे संसाधनों का सहारा नहीं मिल पाया। उन्होंने बताया कि कई बार चंदन से ट्यूशन के लिए उन्होंने कहा, लेकिन घर के हालात को देखते हुए वो कभी टयूशन पढने के लिए तैयार नहीं हुआ।
चंदन ने बिना ट्यूशन, बिना किसी संसाधन के इस मकाम को हासिल किया है। चंदन ने बताया कि उसकी कामयाबी के पीछे उसे गुरुजनों का बड़ा हाथ है। चंदन का सपना आईएस अधिकारी बनना है। उसने कहा कि वो एक दिन आईएस जरूर बनेगा। चंदन की कामयाबी से पूरा इलाका गदगद है। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल समेत सभी शिक्षकों ने चंदन रोहिला को इस कामयाबी पर बधाई दी है।