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अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का भी होगा कायाकल्प, पर्यटन विभाग तैयार करेगा मास्टर प्लान

केदारनाथ औार बद्रीनाथ के बाद की अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का भी कायाकल्प होगा। तीरथ सरकार ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।

दोनों धामों को संवारने के मद्देनजर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ को संवारने की दिशा में पहले ही कदम बढ़ाए जा चुके हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री में भी इसी तरह की पहल होने से उत्तराखंड के चारों धामों में श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार केदारपुरी अब एकदम नए कलेवर में निखर चुकी है। जून 2013 की केदारनाथ त्रासदी में केदारपुरी तबाह हो गई थी, मगर अब इसे व्यवस्थित ढंग से विकसित किया गया है। केदारनाथ मंदिर का खुला-खुला आंगन, मास्टर प्लान के अनुरूप केदारपुरी में भवनों का निर्माण व अन्य सुविधाओं का विकास, बाढ़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, बेहतर पैदल ट्रैक, हेलीपैड जैसे कार्य इसकी बानगी हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में बदरीनाथ धाम को भी केदारनाथ की तरह विकसित करने की दिशा में सरकार ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। बदरीनाथ का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है तो इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से सीएसआर के तहत धन जुटाने की कवायद ने तेजी पकड़ी है।

इस सबके बीच अब सरकार का ध्यान गंगोत्री व यमुनोत्री धामों पर भी गया है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार हम चाहते हैं कि केदारनाथ व बदरीनाथ की तरह गंगोत्री, यमुनोत्री धाम भी विकसित हों। इन धामों से यह मांग भी उठ रही है। उन्होंने कहा कि दोनों धामों के लिए केदारनाथ की तरह मास्टर प्लान तैयार कर कदम उठाए जाएंगे। पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे जल्द गंगोत्री व यमुनोत्री धामों का मास्टर प्लान तैयार कराएं। फिर इसे धरातल पर आकार देने के लिए केंद्र सरकार के साथ ही विभिन्न कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि से सीएसआर के तहत धन जुटाया जाएगा। प्रयास ये है कि इसी वर्ष से गंगोत्री व यमुनोत्री धामों को विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू हो जाए। इससे पहले दोनों धामों के तीर्थ पुरोहितों के साथ ही हक-हकूकधारियों से वार्ता कर उनके सुझाव लिए जाएंगे।

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