उत्तराखंड: सरकार ने गंगोत्री ग्लेशियर मामले में पेश की रिपोर्ट, चार अधिकारी किए गए निलंबित
उत्तराखंड सरकार की ओर से गंगा नदी के उद्गम स्थल गोमुख में गंगोत्री ग्लेशियर पर नजर बनाए रखने को लेकर उठाए गए कदमों पर हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश की गई।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में राज्य आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच की जा रही है। दिल्ली निवासी अजय गौतम की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ में आज इस मामले की सुनवाई हुई।
सरकार की ओर पेश रिपोर्ट में कहा गया कि अदालत के जुलाई 2018 के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यकारी निदेशक पियूष रौतेला के अलावा तीन अनुभाग अधिकारियों सुरेन्द्र सिंह रावत, बसंत वल्लभ जोशी और सुरेश चंद्र पांडे को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच की जा रही है।
प्रगति रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आपदा प्रबंधन को देखते हुए वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियालॉजी को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किये जाने की योजना है ताकि दुर्गम इलाकों में आने वाली आपदाओं की निगरानी की जा सके और आपदाओं के मामले में आवश्यक कदम उठाये जा सके।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आपदा के समय में प्रभावी क्रियान्वयन के लिये एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाना सुनिश्चित किया जाये जिसमें आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के सचिव और पुलिस महानिरीक्षक (एसडीआरएफ), वाडिया इंस्टीट्यूट एवं इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेसिंग के निदेशक शामिल हों।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जुलाई 2018 में अपने महत्वपूर्ण आदेश में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियालॉजी की मदद से गोमुख में गंगोत्री ग्लेशियर में बनने वाली झील की स्थिति का अध्ययन करने के लिये आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिये थे और हर तीन महीने में प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था।
गौतम की ओर से वर्ष 2017 में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि गोमुख में गंगोत्री ग्लेशियर में एक कृत्रिम झील का निर्माण हो रहा है जिससे काफी नुकसान हो सकता है। इसके बाद अदालत ने सरकार को स्थिति पर नजर रखने और तीन माह में रिपोर्ट पेश करने को कहा था।