उत्तर प्रदेश की सहरानपुर जिला अदालत ने तीन तलाक पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने उसके पूर्व पति को 2015 से उसकी दोनों बेटियों को सात-सात हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। दरअसल हरिद्वार के लक्सर के सुल्तानपुर की रहने वाली अतिया साबरी को उसके पति ने साल 2016 में तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था। इसके बाद अतिया साबरी ने इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून भी बनाया। अतिया तभी से अपनी दोनों बच्चियों के साथ पिता के पास सहारनपुर उत्तर प्रदेश रहती आ रही हैं।
अतिया ने अपनी दो बच्चियों और अपना गुजारा भत्ता के लिए सहारनपुर के परिवार न्यायालय में एक केस दायर किया था। सहारनपुर के जिला परिवार जज नरेंद्र कुमार ने सुनवाई करते हुए अतिया और उनकी दोनों बेटियों के गुजारा भत्ता के तौर पर महिला को 21 हजार रुपए महीना और दोनों बेटियों को सात-सात हजार रुपए का गुजारा भत्ता देने के आदेश दिया है। फैसले पर अतिया साबरी ने कहा कि उनको उम्मीद है कि उन्होंने इसके अलावा उनके जो मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं, उनमें भी उन्हें इंसाफ मिलेगा। बताया जा रहा है कि गुजारा भत्ता के रुप में पीड़िता को 64 महीने के 13 लाख 44 हजार रुपए मिलना है।
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