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उत्तराखंड: पंतनगर में प्रस्तावित न्यू ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, अब अदालत में तय होगा इसका भविष्य

उत्तराखंड के पंतनगर में प्रस्तावित न्यू ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।

हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के साथ नागर विमानन मंत्रालय, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण तथा सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले को उधम सिंह नगर के सामाजिक कार्यकर्ता केशव कुमार पासी की ओर से जनहित याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से कुमाऊं के उधम सिंह नगर जिले के पंतनगर में न्यू ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए देश के ऐतिहासिक पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की 1072 एकड़ भूमि को अधिग्रहीत कर नागर विमानन मंत्रालय को दे दी गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से ये भी कहा गया है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिहाज से यह भूमि उचित नहीं है। इस भूमि पर कई नदियां और नहरे मौजूद हैं। भूमि दलदली है। भारत सरकार की ओर से भी अपनी रिपोर्ट में इसे एयरपोर्ट के योग्य नहीं पाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया है कि इस एयरपोर्ट के बनने से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। बरेली में भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण स्टेशन मौजूद है और यह कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यहां से 200 और 132 केवीए की दो हाईपावर विद्युत लाइनें गुजरती हैं। पंतनगर विश्वविद्यालय देश को बीजों की कुल आपूर्ति का 25 प्रतिशत हिस्सा आपूर्ति करता है।

यही नहीं राज्य बनने के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय की भूमि लगातार सिकुड़ती जा रही है। अभी तक 4300 एकड़ जमीन गैर कृषि कार्यों के लिये अधिग्रहीत की जा चुकी है। याचिकाकर्ता की ओर कहा गया है कि विश्वविद्यालय विश्व का दूसरा बड़ा कृषि विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय को देश में हरित क्रांति का जनक माना जाता है और सरकार के इस कदम से पंतनगर विश्वविद्यालय की अवधारणा को नुकसान पहुंचेगा। विश्वविद्यालय चारों दिशाओं से घिर गया है। विवि के एक ओर सिडकुल तो उत्तरी हिस्से में पहले से ही घरेलू एयरपोर्ट मौजूद है। नए एयरपोर्ट के बनने से विश्वविद्यालय की अध्ययन व अध्यापन जैसी गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से सरकार के इस कदम को खारिज करने की मांग की गयी है।

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