उत्तराखंड: सचिन पायलट ने महंगाई के मुद्दे पर BJP सरकार को लिया आड़े हाथ, कहा महंगाई से आम जनता त्रस्त
आज एक दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंचे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट उत्तराखंड कांग्रेस में जोश भरने का काम किया।
देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में सचिन पायलट ने उत्तराखंड सरकार को महंगाई के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है। कहा कि आज पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी त्रस्त है। इनकी कीमतें कम करना केंद्र सरकार के हाथ में है। जिसके लिए कांग्रेस पूरे देश में महंगाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के 250 शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपए के पार हो गए हैं।
वहीं प्रेस वार्ता में पायलट ने किसान बिल को वापस लेने की मांग भी की। उत्तराखंड में बहुत अराजकता का माहौल है। राष्ट्रीय स्तर पर लोग महंगाई से त्रस्त हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर देश भर के तमाम प्रांतों में कांग्रेस ने प्रदेश में हर जनपद में, हर ब्लॉक में और हर विधानसभा में महंगाई के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आंदोलन चलाया है। जगह-जगह साइकिल यात्राएं निकाली गईं। पेट्रोल पंप में उपभोक्ताओं को कांग्रेस के कार्यकाल में और भाजपा के कार्यकाल में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के बारे में पर्चा बांटा गया। पेट्रोल पंप में प्रदर्शन किए गए। देशभर में महंगाई के खिलाफ केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों में पुतला दहन किया गया।
सचिना पायलट ने कहा कि आज केंद्र सरकार कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम पर आने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ा रही है। देश में यूपीए शासनकाल के दौरान 10 वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल रही, लेकिन पेट्रोल 70 रुपये से ऊपर नहीं गया और डीजल 57 से ऊपर नहीं गया।
एनडीए शासनकाल में सात वर्षों में कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूनतम 28 डॉलर प्रति बैरल और अधिकतम 78 डॉलर प्रति बैरल यानी 50 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं गई। किंतु आज पेट्रोल देश भर में 100 रुपए और डीजल 90 रुपए पहुंच गया है। रसोई गैस के मामले में मोदी सरकार ने देश भर की महिलाओं की रसोई पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। इसका जवाब आने वाले चुनाव में देश की जनता भाजपा को देगी।