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Exclusive: BJP की सहयोगी दल के MLA अमर सिंह बोले- पिछड़ों की नहीं हो रही सुनवाई, गौ-माता खाने के लिए तड़प रहीं

लोकसभा चुनाव नजदीक है दूसरी पार्टियों के साथ बीजेपी और उसके सयहोगी दल भी चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। राजनीतिक रूप से देश के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी की अग्निपरीक्षा होगी, क्योंकि उसके कुछ साथी नाराज चल रहे हैं। बीजेपी की सयोगी पार्टियों में से एक अपना दल के विधायक अमर सिंह चौधरी से न्यूज़ नुक्कड़ ने खास बातचीत की। अमर सिंह चौधरी उन विधायकों में से हैं जो बीजेपी के साथ रहते हुए भी कई मुद्दों पर खुलकर अपनी असहमति जताने के लिए जाने जाते रहे हैं। अपनी चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने हर मुद्दे पर न्यूज़ नुक्कड़ से अपनी बात रखी। उनसे बातचीत का पेश है कुछ अंश।

सवाल: मोदी सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों में लागू 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम से दलितों का नुकसान हो रहा है, इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: देश और प्रदेश का हर दलित और पिछड़ा इस सवाल में उलझ गया है और अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहा है। मुझे याद है जब 2014 में मोदी जी के नेतृव में लोकसभा चुनाव अभियान की शुरूआत हुई थी, उनका चेहरा जब प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किया गया तब पूरे देश में, खास तौर पर उत्तर प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। लोग ये सोच रहे थे कि हमारे बीच के रहने वाले अंतिम और गरीब व्यक्ति को सबसे बड़ी कुर्सी के लिए बीजेपी ने प्रोजेक्ट किया है। उत्तर प्रदेश और देश की आवाम एससी और ओबीसी ने पहली बार मोदी जी पर भरोसा किया। लोगों ने इतना भरोसा किया कि बीजेपी और एनडीए से देश में जहां से भी उम्मीदवार खड़े हुए लोगों ने आंख बंदकर मोदी जी पर भरोसा कर उन्हें जिताया। लेकिन जब सरकार बन गई इसके बाद धीरे-धीरे ओबीसी के लोगों और युवा ये सोचने लगे कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

सवाल: मौजूदा बीजेपी सरकार ये कह रही है कि वह किसानों के मुद्दों पर मजबूती से काम कर रही है। यूपी के किसान आरावा पशुओं से परेशान हैं, इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: हम लोग भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं। इस मामले में लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। ये जानवर भी किसी दूसरे देश से नहीं आए हैं। ये भी हमारे और आपके बीच के हैं। लोग लापरवाही करके पशुओं को छोड़ दिए और अब वही पशु आज उनका ही नुकसान कर रहे हैं और दूसरों का भी। योगी सरकार ने हाल ही में पंचायत स्तर पर पशुओं के लिए बाड़ों को बनवाने का फैसला लिया। कुछ जगहों पर बनवाया गया है, लेकिन वहां खाने की व्यवस्था नहीं है। जहां इस तरह के बाड़े बनवाए गए हैं, वहां के लोग परेशान हैं। लोग कह रहे हैं हमारे सामने गौ-माता मर रही हैं, ऐसे में हम लोगों को पाप लगेगा। पूरे देश से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। ये बहुत बड़ी लापरवाही है, इस पर सरकार को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।

सवाल: इलाहाबाद विश्वविद्याल में अखिलेश यादव को जाने से रोका गया इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: कहीं भी हर व्यक्ति को आने-जाने की छूट है। उन्हें रोके जाने पर काफी बवाल हो रहा है। विधानसभा में विरोध देखने को मिल रहा है और सड़क पर भी। मुझे लगता है कि अगर अखिलेश जी जा रहे थे तो उन्हें जाने देना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि उनके वहां जाने से कोई कानून व्यवस्था में कोई परेशानी आती। इससे पहले वो प्रयागराज में गए थे और कुंभ में डुबकी भी लगाए थे। कुंभ में डुबकी लगाने के लिए उन्हें अगर छूट मिली थी तो विश्वविद्याल में अगर जा रहे थे तो उससे क्या हो जाता। मेरे समझ से उन्हें रोकना मुनासिब नहीं था।

सवाल: अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि 20 फरवरी तक यूपी एनडीए में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ तो वे फैसला लेंगी। इस बारे में आप क्या कहेंगे?

जवाब: अपना दल का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, जो हमें निर्देशित किया जाएगा हम उसके हिसाब से काम करेंगे।

सवाल: कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया है, उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आप कांग्रेस के इस फैसले को कैसे देखते हैं?

जवाब: कांग्रेस पुरानी पार्टी है। प्रियंका गांधी आई हैं। जाहिर है इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है, उनका हौसला बढ़ा है। उनके आने से कांग्रेस पार्टी को फायाद हो सकता है। एक दौर में जब अटल जी ने राजनीति से संन्यास ले लिए तो लोग ये सोचने लगे कि बीजेपी को अब कौन संभालेगा। ऐसे में अचानक मोदी जी का चेहरा सामने आया और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। उनके नेतृत्व में दूसरे राज्यों में सरकारें भी बनीं। मेरा मानना है कि कांग्रेस इतने दिन से निष्क्रिय थी तो ऐसे में अब प्रियंका गांधी आई हैं तो नया जान आया है, उनके लोगों का हौसला बढ़ा है। जाहिर इसका असर भी पड़ेगा और कांग्रेस पार्टी का जनाधार भी।

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