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जिस राज़ को छिपा रही थी मोदी सरकार, शपथ ग्रहण के अगले दिन उससे उठा पर्दा, विपक्ष के आरोप सही साबित

केंद्र की मोदी सरकार जिस राज़ को चुनाव से पहले और चुनाव के वक्त छिपा रही थी, उस राज़ से पर्दा उठ गया है। विपक्ष के आरोप सही साबित हुए हैं।

मोदी सरकार ने देश में बेरोजगारी से जुड़ी उस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है, जिसे लीक बताकर विपक्ष चुनाव के दौरान मोदी सरकार को घेर रहा था। मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के अगले दिन ही यानी शुक्रवार को श्रम मंत्रालय ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकार ने रिपोर्ट में बताया है कि 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी रही, जो 45 सालों में सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट से विपक्ष के आरोप सही साबित हुए हैं।

श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में बेरोजगारी ज्यादा है। दोनों की अलग-अलग बेरोजगारी दर की बात करें तो देश स्तर पर पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2, वहीं महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.7 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गांव से ज्यादा शहर के लोग बेरोजगार हैं। ऐसा देखा जाता है कि अक्सर लोग रोजगार के लिए शहर की ओर रुख करते हैं, लेकिन श्रम मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, शहरों में बेरोजगारी दर गांवों से ज्यादा है। गांवों में फिलहाल 5.3 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं। वहीं शहरों में ये आंकड़ा 7.8 फीसदी है।

मोदी सरकार ने राजगार से जुड़े जिस रिपोर्ट को जारी किया, ये वही रिपोर्ट है जिसे विपक्ष जारी करने की मांग कर रहा था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये रिपोर्ट लीक हो गई थी। विपक्ष लगातार ये मांग कर रहा था कि जिस रिपोर्ट में देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का जिक्र है, उसे सरकार जारी करे। लेकिन सरकार ने जारी नहीं किया था। साथ ही सरकार ने बेरोजगारी पर विपक्ष के आरोपों को भी खारिज कर दिया था। लेकिन अब जब की मोदी सरकार का गठन हो चुका है तो इस रिपोर्ट को जारी किया गया है, जिसमें देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का जिक्र है।

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