रोड शो के बाद और नामांकन से पहले सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को क्यों याद दिलाया 2004?
यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने गुरुवार को रायबरेली सीट से नामांकन दाखिल किया। पर्चा दाखिल करने से पहले सोनिया ने स्थानीय कांग्रेस मुख्यालय में हवन किया।
इस दौरान उनसे साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, दामाद राबर्ट वाड्रा समेत पूरा परिवार मौजूद था। रायबरेली सीट गांधी परिवार की पुस्तैनी सीट रही है। आपको बता दें कि सोनिया गांधी रायबरेली से चार बार सांसद रह चुकी हैं।
Four time MP from Rae Bareli, UPA Chairperson Smt. Sonia Gandhi files her nomination for the 2019 Lok Sabha elections. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/Yjl3TxOsHm
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The streets of Rae Bareli are filled with love & support for Smt. Sonia Gandhi's nomination. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/CVcY0plc2K
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नॉमिनेशन से पहले सोनिया गांधी ने रोड शो भी किया। रोड शो में कांग्रेस कार्यकर्ता बेहद उत्साहित दिखे। रोड शो में कांग्रेस के झंडों के अलावा नीले और काले रंग का भी झंडा दिखा। नीले रंग के झंडों पर ‘गरीबी पर वार, 72 हज़ार’ लिखा हुआ था। जबकि काले झंडों में राफेल मामले की तस्वीर चस्पा दिखी। रायबरेली में पांचवे चरण में 6 मई को वोट डाले जाएंगे।
Shared moments of a Puja ahead of Smt. Sonia Gandhi's nomination today. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/7S9SPDUMEC
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सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली सीट से दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि एसपी-बीएसपी गठबंधन ने इस सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा है। नामांकन दाखिल करते हुए सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए उन्हें 2004 की याद दिलाया। सोनिया गांधी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी भी अजेय थे, लेकिन कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
Is Modi invincible?
UPA Chairperson Smt. Sonia Gandhi gives a fitting reply to the media after filing her nomination in Rae Bareli. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/bicCCaALAC— Congress (@INCIndia) April 11, 2019
रायबरेली में 1952 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने पहली बार जीत दर्ज की थी। तब से लेकर अब तक इस सीट पर गांधी परिवार सदस्य जीतता आ रहा है। इस सीट पर महज 3 बार कांग्रेस को मात मिली है। वो भी तब जब यहां से ‘गांधी परिवार’ का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं उतरा था।