टिहरी झील में डूब गया सपनों का ‘मरीना’ रेस्तरां बोट, पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों को लगा झटका
उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कई कदम उठा रहे हैं। लेकिन इस बीच उनकी कोशिश को बड़ा झटका लगा है।
टिहरी झील में ‘मरीना’ रेस्तरां बोट डूब गई है। पिछले कुछ महीनों से ये बोट बंद पड़ी थी। इसी बोट में मई, 2018 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैबिनेट की बैठक की थी। बैठक में राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का फैसला लिया गया था। टिहरी की जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, हम देखेंगे कि ऐसा कैसे हुआ?
Uttarakhand: 'Marina,' a floating restaurant in which Uttarakhand Cabinet meeting was held in May 2018 & which was defunct for past few months capsized, earlier today. District Magistrate Tehri says, 'Our officials are at the spot, we will see why it happened.' pic.twitter.com/sf7OgVbBLg
— ANI (@ANI) May 7, 2019
ये वही जगह है जहां से सीएम रावत ने 13 जिल, 13 नए पर्यटन स्थल की शुरूआत की थी। पर्यटन स्थलों में टिहरी झील का नाम भी शामलि था। सीएम रावत ने कहा था कि टिहरी झील पर कैबिनेट बैठक करने के पीछे मुख्य उद्देश्य झील को टूरिज्म मैप पर लाना है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली टूरिज्म रेजगार स्कीम के तहत राज्य सरकार ने सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 11 नई एक्टिविटी लागू की थीं।
राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। इसकी जानकारी खुद सीएम रावत ने दी थी। उत्तराखंड में वो काबिलियत है, जिसके दम पर वो पर्यटन के क्षेत्र में एक अलग पहचान बना सकता है। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य को जो पहचान मिलनी चाहिए थी वो अब तक नहीं मिल पाई। जाहिर है, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।