उत्तराखंड पुलिस का ये है वो फॉर्मूला जिसके आगे कोरोना फैलाने वाले जमातियों ने टेक दिए घुटने!
उत्तराखंड में लॉकडाउन के बीच स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पहली कतार में खड़े हैं और बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने लॉकडाउन के बीच जिस तरह से काम किया उसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। चाहे वो जमातियों को सही समय पर पकड़कर क्वारंटाइन करना हो या फिर जनता के बीच पहुंचकर उन्हें यह समझाना कि आप घर पर रहें क्योंकि ये समय की मांग है।
राज्य में तीन महीने में 1436 जमाती मौजूद मिले हैं। इनमें 513 वो जमाती हैं जो अन्य राज्यों से यहां पहुंचे, जबकि उत्तराखंड से बाहर अन्य राज्यों में गए हुए 923 जमातियों को होम और इंस्टीट्यूश्नल क्वारंटाइन किया गया है। ये जानकारी राज्य के पुलिस महानिदेश (कानून और अपराध) अशोक कुमार ने दी। उन्होंने कहा, “यूं तो राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र जमातियों से संबंधित जानकारियां हमेशा अपने पास तैयार रखता था। जबसे दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात मुख्यालय का मामला मीडिया के जरिए प्रकाश में आया, उत्तराखंड पुलिस ने इन जमातियों से संबंधित जानकारियां इकट्ठी करने का काम और तेज कर दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “बीते हफ्ते हमने लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र में छिपे हुए कुछ ऐसे भी जमाती पकड़े जो, लॉकडाउन शुरू होते ही एक गुफा के भीतर जाकर छिप गये थे। उन्हें भी पुलिस ने बाहर निकाल कर स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार क्वारंटाइन करवाया। गुफा के भीतर मिले ये सभी जमाती विदेशी थे। इनसे आगे की पूछताछ इनका क्वारंटाइन समय पूरा होने के बाद की जाएगी।”
अशोक कुमार के अनुसार, “कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौर में उत्तराखंड राज्य हिंदुस्तान का वो पहला सूबा भी बना था, जिसकी पुलिस ने सबसे पहले तब्लीगी जमातियों या फिर अन्य छिपे हुए जमातियों को बाहर लाने के लिए अदभुत फार्मूला निकाला। ये फार्मूला था खुद को छिपाकर रखने वाले तब्गीली जमाती या फिर अन्य जमाती अगर पुलिस ने खुद तलाशे तो उनके खिलाफ कत्ल की कोशिश का केस दर्ज होगा। अगर उनके इलाके में कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव होकर मरा तो उस मामले में संबंधित तब्लीगी पर लगी आईपीसी की धारा 307 को सीधे सीधे कत्ल में बदल दिया जाएगा।”
उत्तराखंड के डीजीपी लॉ एंड आर्डर एंड क्राइम ने बताया, “1 जनवरी, 2020 से राज्य में 1436 जमाती हमें मिले। इनमें से 513 जमाती अन्य राज्यों से उत्तराखंड पहुंचे थे। जबकि कोरोना संक्रमित जमातियों के संपर्क में आने वाले 917 लोगों को राज्य के अलग-अलग जिलों में क्वारंटाइन किया गया है।”
डीजीपी कानून और अपराध ने एक सवाल के जबाब में कहा, “लॉकडाउन के दौरान 22 अप्रैल 2020 यानी बुधवार तक उत्तराखंड राज्य में पुलिस ने 2001 मामले दर्ज किए। दर्ज किए गए इन मामलों में 8613 लोगों को गिरफ्तार किया गया। लॉकडाउन की अब तक की अवधि में एमवी एक्ट के तहत 21 हजार 793 वाहनों का चालान किया गया। इसी तरह लॉकडाउन का मखौल उड़ाने की कोशिश करते दबोचे गए लोगों से 4899 वाहन लेकर जब्त कर दिए गए।”
डीजीपी लॉ एंड आर्डर एवं क्राइम ने बताया कि लॉकडाउन अवधि में राज्य पुलिस ने करीब 1 करोड़ 6 लाख रुपये चालान (संयोजन शुल्क) से ही वसूल कर राज्य सरकार के खजाने को उपलब्ध करा दिये। उत्तराखंड पुलिस की इस बड़ी उपलब्धि को राज्य पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने भी सराहा।