उत्तर प्रदेश: गाजीपुर के मनिया गांव की हुस्ना खान बनीं जज, रच दिया इतिहास
कहते हैं कि हौसला हो तो दुनिया की कोई भी जंग जीती जा सकती है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मनिया गांव की रहने वाली हुस्ना रुस्तम खान ने इस कथन को सच साबित किया है।
एक छोटी सी गांव की रहने वाली हुस्ना खान अपनी मेहनत और हौसल के दम पर जज बन गई हैं। आज पूरा गांव और जिला अपनी बिटिया की कामयाबी पर फक्र कर रहा है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है। हुस्ना अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रहती हैं। चार साल पहले हुस्ना के पिता रुस्तम खान का इंतकाल हो गया था। बावजूद इसके हुस्ना ने कभी हैसला नहीं हारा। उन्होंने अपनी मेहनत को जारी रखा। वो सिविल जज जूनियर डिवीजन एवं मजिस्ट्रेट 2019 की परीक्षा में बैठीं और पास कर इतिहास रच दिया। औरंगाबाद जिले की वो पहली मुस्लिम लड़की हैं, जिन्होंने इस पद को हासिल किया है।
हुस्ना कहती हैं कि इस कामयाबी के पीछे उनकी मां और शिक्षकों का हाथ है, जिन्होंने मुझे इस लायक बनाया कि मैं यहां तक पहुंच सकूं। हुस्ना ने बताया कि पिता की मौत के बाद उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वो कहती हैं कि पिता के सपने को पूरा करने के लिए मां ने हमेशा हौसला बढ़ाया और प्रेरित किया। हुस्ना ने कहा कि मैं हमेशा गरीबों, मजलुमो की सेवा के लिए तैयार रहूंगी। उन्होंने युवा पीढ़ी की लड़कियों को सीख दी है। उन्होंने कहा कि जो लड़कियां सिर्फ घर से निकलकर रसोई घर तक ही रह जाती हैं, उनसे मैं अपील करना चाहती हूं कि वो अपने हौसले के साथ आगे बढ़ें और अपने लक्ष्य के हासिल करने के लिए मेहमन करें, कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
हुस्नान ने प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद 10वीं राजीव गांधी उर्दू हाईस्कूल और 12वीं की पढ़ाई तलत जूनियर कॉलेज औरंगाबाद से की। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने औरंगाबाद के वीएन पाटिल लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।