उत्तराखंड स्पेशल: कोरोना के बीच इन जगहों पर घूमने का बना सकते हैं प्लान, स्वर्ग से कम नहीं हैं ये पर्यटन स्थल!
कोरोना से लड़ाई के मोर्चे पर पिछल दो दिनों से अच्छी खबर आई है। पिछले दो दिनों से देश में कोरोना के नए केस में कमी आई है।
आज AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस साल के आखिर या अगले साल की शुरुआत तक कोरोना की वैक्सीन आ सकती है। इस बीच अगर आप घर बैठे बोर हो गए हैं और घूमने का प्लान कर रहे हैं तो उत्तराखंड आ सकते हैं। सूबे में कई ऐसी जगह हैं जो जन्नत का ऐहसास दिलाती हैं।
मसूरी
मसूरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से जाना जाता है। यही वजह है कि गढ़वाल हिमालय की तलहटी में स्थित मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है। शहर समुद्र तल से करीब 7 हजार की फीट की ऊंचाई पर है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता इसे हनीमून के लिए बहुत लोकप्रिय जगह हैं। अगर आप हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के साथ हरे भरे ढलानों के खूबसूरत नजारों का आनंद लेना चाहते हैं तो मसूरी आपके स्वागत के लिए तैयार है। ये शहर ब्रिटिश काल के दौरान एक लोकप्रिय अवकाश स्थल था। यहां पर फैले ब्रिटिश अवशेषों को देखकर ब्रिटिश काल की वास्तुकला का अनुमान लगाया जा सकता है। इसे यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केंद्रों के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है।
ऋषिकेश
गंगा और चंद्रभागा के अभिसरण के साथ हिमालय की तलहटी में ऋषिकेश कई प्राचीन मंदिरों, लोकप्रिय कैफे, योग आश्रम और साहसिक खेलों जैसे आकर्षणों की वजह से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ऋषिकेश में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग उद्योग के बढ़ने, कैंपिंग और कैफे स्पॉट की संख्या बढ़ने की वजह से ऋषिकेश अलग-अलग जरूरतों वाले लोगों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल बन चुका है। ऋषिकेश गंगा नदी के पवित्र तट पर बसा है। यहां पर आध्यात्मिकता, योग, ध्यान और आयुर्वेद सिखाने के लिए कई आश्रम हैं। पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश को भारत में एडवेंचर स्पोट्र्स के केंद्र के रूप में भी विकसित किया गया है। ऋषिकेश सर्दियों के मौसम में यात्रा करने के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है, क्योंकि 20 डिग्री सेल्सियस और छह डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान के साथ ऋषिकेश की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद बढ़ जाता है।
लैंसडाउन
पहाड़ियों के बीच बसा लैंसडाउन एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जिसको ज्यादातर लोग नहीं जानते। समुद्र तल से 5670 फीट की ऊंचाई पर स्थित लैंसडौन एक अछूता, प्राचीन नगर है जो भीड़- भाड़ से बिल्कुल दूर है। लैंसडौन को भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल रेजिमेंट के घर के रूप में भी जाना-जाता है। अगर आप इस आकर्षक स्थल की यात्रा करेंगे तो यहां आपको अंग्रेजों के समय के भवन भी मिलेंगे। यहां वैसे तो गर्मियों में मौसम सबसे अनुकूल होता है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में साफ आसमान और घने हरे जंगल आपको अभिभूत कर देंगे।