आपके कंप्यूटर पर सरकार की नजर!, विपक्ष ने उठाए सवाल
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 10 केंद्रीय एजेंसया अब आपके कंप्यूटर की निगरानी रख सकेंगी। सरकार के इस फैसले का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है।
अब आपके कंप्यूटर की निगरानी देश की 10 केंद्रीय एजेंसियां करेंगी। गृह मंत्रालय ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए इन एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर में सेंधवारी कर जासूसी करने की इजाजत दे दी है। होम मिनिस्ट्री के आदेश के मुताबिक ये एजेंसियां किसी भी शख्स के पर्सनल कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी भी दस्तावेज को देख सकती हैं।
सरकार के इस आदेश के बाद सियासी बवाल मच गया है। कई विपक्षी दलों ने गृह मंत्रालय के आदेश पर आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि ”घर-घर मोदी का वादा पूरा कर रही है।”
Modi has used a simple Government Order to permit our national agencies to snoop on our communications.
Who knew that this is what they meant when they said ‘ghar ghar Modi’.
George Orwell’s Big Brother is here & welcome to 1984. pic.twitter.com/DrjQkdkBKh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2018
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया ”मई 2014 से भारत अघोषित इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है। नागरिकों के कंप्यूटर पर निगरानी के फैसले से मोदी सरकार ने सारी हदें पार कर दी हैं। क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अधिकारों का ऐसे हनन होगा।”
India has been under undeclared emergency since May 2014, now in its last couple of months Modi govt is crossing all limits by seeking control of even the citizens computers.
Can such curtailment of fundamental rights be tolerated in world's largest democracy?— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 21, 2018
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने भी इस फैसले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया ”इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की अनुमति देने का सरकार का आदेश नागरिक स्वतंत्रता एवं लोगों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।”
The sweeping powers given to agencies to snoop phone calls & computers without any checks and balances is extremely worrisome
This is likely to be misused pic.twitter.com/2ei4MqF34c
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) December 21, 2018
आपको बता दें कि जिन एजेंसियों को दस्तावेज देखने की इजाजत मिली है उनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस शामिल है।