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संसदीय दल की मीटिंग में पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों को लेकर जो कहा वो आपको जरूर जानना चाहिए

नरेंद्र मोदी को शनिवार को एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। 30 मई को वो प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से हामी भरी। नेता चुने जाने के बाद पीएम ने संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सांसदों को चेताते हे कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को और बढ़ा देता है। चुनाव दूरियां पैदा करता है और दीवार बना देत है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव ने दीवार को तोड़ कर दिलों को जीता है। संसद भवन के सेंट्रल हॉल ने सांसदों को संबोधित करने से पहले संविधान के आगे शीश झाकाया।

अल्पसंख्यकों को लेकर क्या कहा?

सेंट्रल हॉल में अपने भाषण के दौरान पीएम ने दलितों और अल्पसंख्यकों के बहाने विपक्ष पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों की बेहतरी की फिक्र की गई होती तो अच्छा होता, लेकिन उन्हें डर दिखाकर दूर रखने की कोशिश की गई। अल्पसंख्यकों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक की तरह किया गया। उनके साथ छल किया गया। इसी छल में हमें छेद किया करना है। पीएम ने कहा बीजेपी को वोट देने और नहीं देने वाला वाले दोनों हमारे हैं। 130 करोड़ देशवासियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

सांसदों को चेताया

सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उन्हें VIP कल्चर से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा,  ”दिल्ली में आकर अच्छे-अच्छे फंस जाते हैं। मंत्री बनने के नाम पर बहकावे में न आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए के पास दो जरूरी चीजें हैं, पहला एनर्जी और दूसरा सिनर्जी। दोनों एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं, जिसको लेकर हमें आगे चलना है।

आडवाणी और जोशी से लिया आशीर्वाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही सेंट्रल हॉल में आए वहां मौजूद सभी सांसदों ने उनका स्वागत किया। मंच पर पीएम के साथ राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, उद्धव ठाकरे मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने आडवाणी, प्रकाश बादल और जोशी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

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