मोदी सरकार का नया ट्रैफिक कानून बैक फायर कर गया है?
एक सितंबर को नया ट्रैफिक कानून ज्यादातर प्रदेशों में लागू हो गया। नए ट्रैफिक नियम के लागू होने के बाद से आए दिन गाड़ियों को भारी भरकम चालान कट रहे हैं। कई वाहनों के तो एक लाख रुपये से ज्यादा के चालान कट गए।
नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद जिस तरह से देशभर में गाड़ियों के चालान कट रहे हैं वो ना केवल लोगों के लिए मुसीबत बन गया है, बल्कि कई बीजेपी शासित प्रदेश की सरकारों के लिए भी मुसीबत बढ़ा दी है। कई राज्य सरकारों ने कानून में संशोधन कर जुर्माना राशि को ही घटा दिया। इसमें भारतीय जनता पार्टी के राज्य ही टॉप पर हैं।
किन राज्यों ने जुर्माना राशि घटाई?
मोदी सरकार के इस नए कानून का जुगाड़ सबसे पहले पीएम मोदी और अमित शाह के गृह राज्य ने ही निकाला। राज्य के मुखिया विजय रूपाणी ने जुर्माना राशि में कटौती का ऐलान किया है। सरकार ने कई जुर्मानों में राशि को 90 फीसदी तक घटा दिया है। गुजरात के बाद महाराष्ट्र की सरकार ने भी इस नए कानून को लेकर चिंता जाहिर करते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को चिट्ठी लिखी है। देवेंद्र फडणवीस की सरकार को चिंता है कि कहीं बढ़ी हुई राशि वोटों की संख्या ना घटा जाए।
इन दोनों राज्यों के अलावा बीजेपी के ही दो और प्रदेश इस नए एक्ट का उपाय ढूंढने में लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड जल्द ही विशेष सत्र बुलाकर केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर सकता है। जबकि हरियाणा की सरकार ने अभी 45 दिनों का जागरुकता अभियान चलाने की बात कही है।
मोदी सरकार के इन नए कानून को उत्तराखंड की सरकार ने भी ठेंगा दिखा दिया ह। उत्तराखंड की सरकार ने 90 फीसदी जुर्माना राशि कम करने का ऐलान कर दिया है वहीं कर्नाटक की तरफ से अभी विचार किए जाने की बात कही जा रही है।
किन राज्यों ने नहीं जारी किया नोटिफिकेशन?
कई राज्य तो ऐसे हैं जिन्होंने भी तक नए कानून का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है।