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गडकरी बोले- सपने दिखाने वाले नेता अच्छे तो लगते हैं, जब सपने पूरे नहीं होते तो जनता करती है उनकी पिटाई

मोदी कैबिनेट में मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी बीजेपी और पीएम मोदी पर इशारों ही इशारों में बड़ा हमला बोला है।

मुंबई में जिस कार्यक्रम इशा कोपिकर बीजेपी में शामिल हुईं, उस कार्यक्रम में गडकरी ने बड़ा बयान दिया। इशारों में गडकरी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, लेकिन दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए जाएं तो जनता उनकी पिटाई भी करती है। इसलिए सपने वहीं दिखाओ जो पूरे हो सकें। मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं। मैं जो बोलता हूं 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा करता हूं।”

गडकरी के इस बयान के बाद बीजेपी में खलबली मची हुई है। मीडिया में गडकरी के इस बयान को पीएम मोदी से जोड़कर दिखाया जा रहा है। दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और खुद उस वक्त बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने जनता को सुनहरे सपने दिखाए थे। बीजेपी ने देश की जनता से अच्छे दिनों के नाम पर वोट मांगे थे। यही वजह है कि गडकरी के इस बयान को बीजेपी और पीएम मोदी से जोड़कर देखा जा रहा है।

इससे पहले भी गडकरी अपनी पार्टी और पीएम मोदी पर इशारों में निशाना साध चुके हैं। पिछले साल एक मराठी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में गडकरी ने जुमले का जिक्र किया था। गडकरी के इंटव्यू का वीडियो कांग्रेस पार्टी ने भी ट्वीट किया था। गडकरी ने उस इंटरव्यू में कहा था कि “उन्हें तो कभी उम्मीद ही नहीं थी कि वे सत्ता में आ जाएंगे। फिर लोगों ने कहा कि लंबे-लंबे वादे करना शुरू कर दो। अगर पूरे नहीं हुए तो कौन सा हम सत्ता में आने वाले थे जिन्हें पूरा करना था।” उन्होंने आगे कहा, “लोगों ने सचमुच वोट देकर सत्ता में पहुंचा दिया।”

कुछ जानकारों का कहना है कि नितिन गडकरी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवार बनाए जाने की मांग चल रही है। बीजेपी के कुछ नेता भी यह मांग दोहरा चुके हैं। नितिन गडकरी आरएसएस के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। ऐसे में आरएसएस की भी इसमें हामी हो सकती है, लेकिन अभी आधिकारिक रूप से कोई बयान किसी के तरफ से नहीं आया है।

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