उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रेवतीपुर ब्लॉक के अठहठा गांव में ग्राम पंचायत द्वारा दलित बस्ती में लाखों रुपये की लागत से बनवाई गई इंटरलॉकिंग सड़क पहली ही बरसात में उखड़ गई है। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान अशोक कुमार यादव और पंचायत सचिव प्रमोद यादव की मिलीभगत से सड़क निर्माण में भारी अनियमितता की गई। ग्रामीणों के मुताबिक, सड़क पर सरकारी मानकों की अनदेखी करते हुए केवल खानापूर्ति की गई, जिससे कुछ ही महीनों में सड़क की हालत खस्ताहाल हो गई है।
ग्रामीण रामरती देवी और मुनिया देवी ने बताया कि इंटरलॉकिंग सड़क के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और निर्माण के दौरान सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हुई। परिणामस्वरूप, सड़क जगह-जगह धंस चुकी है और बीचोबीच बने नाले के सीमेंटेड स्लैब भी टूट-फूट गए हैं, जिससे रात में वहां से गुजरना जानलेवा साबित हो सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस ओर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो पूरी सड़क खेत में समा जाएगी, जिससे दैनिक आवागमन करने वाले लोगों की जान को गंभीर खतरा बना रहेगा।
निष्पक्ष जांच और जवाबदेही तय हो
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। उनका कहना है कि यदि निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा।
(यूपी के गाजीपुर से न्यूज़ नुक्कड़ के लिए इज़हार खान की रिपोर्ट)