कांग्रेस ने विज्ञापन पर जितना 10 साल में खर्च किए बीजेपी ने साढ़े 4 साल में ही कर दिए, रकम जानकर हैरान रह जाएंगे
12 से 16 नवंबर के बीच टीवी चैनलों पर 22,099 बार बीजेपी का विज्ञापन दिखाया गया। यह आंकड़ा देश के दूसरे सबसे बड़े टीवी विज्ञापनदाता नेटफ्लिक्स से 10,000 ज्यादा है।
आज के दौर में विज्ञापन का बाजार बहुत बड़ा हो गया है। बाजारीकरण के इस दौर में किसी भी प्रोडक्ट को मार्केट में बेचने के लिए उसकी ब्रांडिंग बहुत जरूरी हो गई है। ब्रांडिंग की अहमियत को देश की पॉलिटिकल पार्टियां भी बखूबी समझती हैं। यही वजह है कि वो भी विज्ञापन पर जमकर पैसा खर्च कर रही हैं। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी इस मामले में सबसे आगे है। 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान टीवी पर धुआंधार विज्ञापन दिखाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी नंबर वन ब्रांड बन गई है।
ब्रॉडकास्ट ऑडियेंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के नए आंकड़ों के मुताबिक 12 से 16 नवंबर के बीच टीवी चैनलों पर 22,099 बार बीजेपी का विज्ञापन दिखाया गया। यह आंकड़ा देश के दूसरे सबसे बड़े टीवी विज्ञापनदाता नेटफ्लिक्स से 10,000 ज्यादा है। नेटफ्लिक्स का विज्ञापन इस दौरान 12951 बार दिखाया गया। जो विज्ञापन दिखान के मामले में दूसरे नंबर पर है। जबकि तीसरे नंबर पर ट्रिवागो है जिसका विज्ञापन इस अवधि में 12795 बार दिखाया गया।
दिलचस्प बात ये है कि विज्ञापन दिखाने के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी पॉलिटिकल पार्टी कांग्रेस तो इम मामले में टॉप 10 में भी नहीं है। जन की बात करने वाली बीजेपी इससे पहले सभी चैनलों पर विज्ञापन दिखाने के मामले में पिछले हफ्ते में दूसरे पायदान पर थी। न्यूज वेबसाइट दी वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी सरकार ने पिछले 4 सालों में विज्ञापन पर करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में साल 2014 से लेकर सितंबर 2018 तक में 4996.61 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। जिसमें 2211.11 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एड पर खर्च किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनडीए के कार्यकाल में विज्ञापन पर खर्च की गई रकम यूपीए सरकार के मुकाबले बहुत ज़्यादा है। यूपीए सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में औसतन 504 करोड़ रुपये हर साल विज्ञापन पर खर्च किया था। कुल मिलाकर यूपीए सरकार ने 10 साल में 5,040 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई थी। जबकि मोदी सरकार के लगभग साढ़े चार साल में ही उतनी रकम विज्ञापन पर खर्च कर दी है। जितना कांग्रेस ने 10 में की थी।