‘मसूद अजहर पर भारत के साथ आए 21 देश, UPA के वक्त हिंदुस्तान अकेला था’
मसूद अजहर के मामले में 21 देश आज भारत के साथ हैं। ये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है। 2019 में इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस, और अमेरिका ने पेश किया है।
UNSC में मसूद अजहर पर वीटो लगाकर भले ही चीन ने उसे ग्लबोल आतंकी घोषित करने से रोक लगा दिया है, लेकिन ये पीएम मोदी की कूटनीति का नतीजा है कि मसूद अजहर के मामले में 21 देश आज भारत के साथ हैं। ये विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है। 2019 में इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस, और अमेरिका ने पेश किया है। इस बीच फ्रांस की सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सगरना की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है।
EAM Sushma Swaraj: In 2019, the proposal was moved by USA, France and UK and supported by 14 of the 15 UN Security Council Members and also co-sponsored by Australia, Bangladesh, Italy and Japan – non members of the Security Council. https://t.co/x4OYl8QEIO
— ANI (@ANI) March 15, 2019
बुधवार को चीन ने तकनीकि खामी बताकर मसूद अजहर को रोका है। चीन ने कहा कि बिना सबूत के वो किसी पर भी कार्र्वाई के खिलाफ है। जबकि 10 से ज्यादा देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। मसूद के मामले में चीन के रवैये पर भारत के अलावा अमेरिका ने भी निराशा जताई है।
मसूद अजहर को इंटरनेशनल आतंकी घोषित करे के लिए 2009 में पहली बार यूएन में प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद 2016 में एक बार फिर अमेरिका, यूके और फ्रांस (पी-3) के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया गया। प्रस्ताव में मसूद अजहर को पठानकोट हमले का मास्टर माइंड बताया गया था। इसके बाद 2017 में पी-3 राष्ट्रों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया। ये चौथी बार था जब जैश के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश की गई।