लोकसभा से ट्रिपल तलाक बिल पास, सदन में वोटिंग से पहले कांग्रेस और AIADMK ने किया वॉकआउट
केंद्र सरकार का महत्वकांक्षी ट्रिपल तलाक बिल गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 245 पड़े, जबकि खिलाफ में सिर्फ 11 वोट पड़े।
बिल पर वोटिंग से कांग्रेस और AIADMK ने वॉकआउट किया। कांग्रेस की मांग की थी कि बिल को ज्वॉइंट सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन सरकार ऐसा नहीं किया। इसी के विरोध में कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में भेजा जाएगा। सरकार की कोशिश है कि 8 जनवरी तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में ही इसे उच्च सदन से भी पास करा लिया जाए।
Lok Sabha passes Triple Talaq bill amid walkout by Congress and some other Opposition parties
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— ANI Digital (@ani_digital) December 27, 2018
बिल पर चर्चा के दौरान AIMIM के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी और कांग्रेस की दो सांसद सुष्मिता देव और रंजीत रंजन ने तीन तलाक देने के दोषी को जेल भेजे जाने के प्रावधान का विरोध किया। इसका जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “जब पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 22 इस्लामिक देशों ने ट्रिपल तलाक को गैर-कानूनी करार दिया है तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में तीन तलाक को अपराध मानने में क्या दिक्कत है? महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह बिल जरूरी है।
कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर बैन लगाकर मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता। उन्हें इससे जीवन यापन करने में मदद नहीं मिलेगी। जबकि पुरुष जेल में है और यह गारंटी नहीं देगा कि वह अपने पति के साथ वापस आ सकती है। कांग्रेस सांसद ने इस बिल को महिलाओं को हक दिलाने वाला नहीं बल्कि पुरुषों को जेल भेजने वाला बताया। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने अपने 300 पेज के जजमेंट में ये कहीं नहीं लिखा कि तीन तलाक पर कानून बनना चाहिए और इसमें सजा का प्रावधान होना चाहिए। सरकार गलत तरीके से यह विधेयक लाई है और इसके बहाने वोट बैंक की राजनीति की जा रही है।
M Kharge, Congress on #TripleTalaq Bill passed in LS: Bill presented is against Constitution,it’s against fundamental rights. We asked for the Bill to be sent to Joint Select Committee to get justice for Muslim women.They tried to get it passed as Lok Sabha polls are approaching. pic.twitter.com/MFlNZNj1Cl
— ANI (@ANI) December 27, 2018
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि फोन पर मैसेज करके, फोन करके या दूसरे तरीके से तीन बार तलाक कहकर किसी महिला की जिंदगी खराब करने की छूट को खत्म किया जाना चाहिए। कांग्रेस अगर चाहती तो इस बिल को 30 साल पहले पास करा सकती थी, लेकिन उसने बंटवारे की राजनीति को प्राथमिकता दी।
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल का विरोध करते हए कहा कि ये सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को सड़क पर लाने के लिए है। ओवैसी ने कहा “ये कानून सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को रोड पर ले आएगा। उनको बर्बाद और कमजोर करेगा और जो मुस्लिम मर्द हैं उनको जेल में डालेगा।”
AIMIM President Asaduddin Owaisi on #TripleTalaq Bill passed in LS: Yeh kanoon sirf aur sirf Muslim mahilaon ko road par lane ka hai, unko barbaad aur kamzor karna hai or jo Muslim mard hain unko jail mein daalne ka hai. Yahi is Kanoon ka ghalat istemal hoga, aap dekhna. pic.twitter.com/bOoue1KMCX
— ANI (@ANI) December 27, 2018