वीडियोकॉन केस: चंदा कोचर की सफाई, बोलीं- कर्ज देने का फैसला एकतरफा नहीं किया गया
वीडियोकॉन लोन विवाद में घिरीं आईसीआईसीआई की पूर्व मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर ने पूरे मामले में सफाई दी है और खुद को बेकसूर बताया है।
चंदा कोचर ने बुधवार को कहा कि बैंक में कर्ज देने का कोई भी फैसला एकतरफा नहीं किया गया था। कोचर ने ये प्रतिक्रिया वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के विवादास्पद लोन मामले में न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद दी है।
समिति ने कहा कि इस लोन को देने में बैंक के आचार संहिता का उल्लंघन किया गया, जिसमें हितों का टकराव का आचरण भी शामिल था, क्योंकि इस कर्ज का एक हिस्सा उनके पति दीपक द्वारा चलाई जा रही कंपनी को दिया गया, जिससे उन्हें कई तरह के वित्तीय लाभ प्राप्त हुए।
कोचर ने अपने बयान में कहा, “मैं फैसले से बुरी तरह निराश, आहत और परेशान हूं। मुझे रिपोर्ट की कॉपी तक नहीं दी गई। मैं फिर दोहराती हूं कि बैंक में कर्ज देने का कोई भी फैसला एकतरफा नहीं किया गया।”
Chanda Kochar: This decision from the Bank has caused me immense hurt&pain. I've pursued my career as an independent professional with utmost honesty, dignity&integrity. I continue to have faith&belief in my conduct as a professional&I'm certain that truth will ultimately prevail https://t.co/lckUFzWCrw
— ANI (@ANI) January 30, 2019
उन्होंने आगे कहा, “आईसीआईसीआई स्थापित मजबूत प्रक्रियाओं और प्रणालियों वाला संस्थान है, जहां समिति आधारित सामूहिक फैसले लेने की प्रक्रिया है और इसमें कई उच्च क्षमता वाले पेशेवर भी शामिल होते हैं।” उन्होंने कहा कि यही वजह है कि संगठन का डिजायन और संरचना हितों के टकराव की संभावना को रोकता है।