उत्तराखंड सरकार ने सेब और नाशपाती समेत दूसरे फलों के बागों को पुनर्जीवित करने का लिया फैसला, जानें क्या है तैयारी
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में सेब, नाशपाती और अन्य फलों के बागों को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फलों के बागों के पुनर्जीविकरण और विस्तारीकरण के लिए भरसार विवि और जीबी पंत विवि के कुलपतियों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक और माइक्रो इरीगेशन का लाभ ज्यादातर गांवों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। सुअर, बंदर समेत अन्य जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का सर्वे किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तार-बाड़, दीवार बनाने का काम प्राथमिकता से किया जाए। सीएम आवास में आयोजित बैठक में सीएम कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के साथ कृषि, उद्यान और रेशम विकास विभागों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय सेब और अन्य फलों की खेती को आधुनिकतम तकनीक के उपयोग द्वारा लाभप्रद बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर दूसरी किस्मों से बदला भी जा सकता है। सीएम ने कहा कि किसानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक किसानों के लिए काफी फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा गांव इसके अंतर्गत आ सकें।
सीएम ने कहा कि जैविक खेती का और विस्तार किए जाने की जरूरत है। जैविक उत्पादों के विपणन के लिए ग्रोथ सेंटरों का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे जैविक कृषि के लिए चयनित गांवों में मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसान सम्मान निधि में किसी तरह की शिकायत न आए। इसके लिए डाटा फीडिंग सावधानीपूर्वक की जाए।