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देवभूमि के इस स्वादिष्ट व्यंजन से ऐसे दूर करें डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियां

पहाड़ों पर पाए जाने वाली औषधियों से तो सभी वाकिफ हैं कि कैसे ये बहुत सी बीमारियों को दूर भगाने के लिए मददगार साबित होती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पहाड़ों के व्यंजन स्वाद के साथ ही कई बीमारियों से भी लड़ने में आपको फायदा पहुंचाते हैं।

काला भट्ट भी ऐसा ही मोटा अनाज है, जिसमें कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने के गुण हैं। पहाड़ों में सोयाबीन यानी भट्ट की खेती होती है और इसकी अलग-अलग तरह की किस्में मिलती हैं। पारंपरिक व्यंजनों में काले भट्ट (Pahadi Black soybeans, Pahadi Kala Bhatt) की दाल को खूब पसंद किया जाता है और इसकी डिमांड भी बहुत है।

काले भट्ट से चुड़कानी, रसभात, दाल, भट्ट के डूबके जैसे कई व्यंजन (pahadi kala bhatt recipe) बनाए जाते हैं। इससे नमकीन भी बनती है। बताया जा ता है कि भट्ट में प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

100 ग्राम काले भट्ट में 1500 मिलीग्राम पोटैशियम, 21 ग्राम प्रोटीन और 9 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद विटामिन-ए, बी12, D और कैल्शियम भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। ये एंटी-ऑक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत है। इसमें फाइटो स्ट्रोजनस, डेडजेन और जेनस्टेन पाया जाता है, जो प्रोस्टेट और स्तन कैंसर की रोकथाम में मददगार है। ये कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर का अच्छा स्रोत है। काला भट्ट डायबिटीज, इंसुलिन रेसिस्टेंट और हाइपोग्लाईसीमिया से जूझ रहे बीमार लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। काले भट्ट (Pahadi Black soybeans,Pahadi Kala Bhatt) के व्यंजन बनाते वक्त एक बात का खास ख्याल रखें।

काले भट्ट को पकाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि पकाने से पहले इसे थोड़ी देर के लिए भिगोकर रख दें।  क्योंकि इसमें गैस बनाने वाले एंजाइम्स भी होते हैं। पहाड़ों में मिलने वाली काली भट्ट एशिया की मूल प्रजाति है, इसका मूल राष्ट्र चीन माना जाता है। अमेरिका में भी भट्ट का खूब सेवन किया जाता है।

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