उत्तराखंड की शीतल ने माउंट एवरेस्ट पर फराया तिरंगा, पहाड़ की बेटी के जज्बे को देश ने किया सलाम
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के सोर की रहने वाली पर्वतारोही शीतल ने राज्य समेत पूरे देश का नाम रोशन किया है। शीतल ने नेपाल में माउंट एवरेस्ट को फतह कर इतिहास रच दिया है।
शीतल के कोच योगेश गर्ब्याल ने बताया कि 15 मई की रात को शीतल ने एवरेस्ट की चोटी को फतह कर लिया। शीतल के हौसले को पूरा देश सलाम कर रहा है। धारचूला के रहने वाले शीतल के कोच योगेश गर्ब्याल, शीतल की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं। वहीं शीतल के घर वाले बेटी की इस कामयाबी से फूले नहीं समा रहे। शीतल की इस उपलब्धि से स्थानीय लोग भी काफी खुश हैं। शीतल का परिवार जिला मुख्यालय के पास ही रहता है।
शीतल 5 अप्रैल को काठमांडू से एवरेस्ट के बेस कैंप के लिए रवाना हुईं थीं। वो 15 अप्रैल को बेस कैंप पहुंचीं थीं। उन्होंने 12 मई तक बेस कैंप में दूसरे पर्वतारोहियों के साथ रॉक क्लाइबिंग का अभ्यास किया।
इससे पहले भी शीतल पूरी दुनिया को अपने जज्बे का लोहा मनवा चुकी हैं। 2017 में शीतल ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा को महज 22 साल की उम्र में फहत कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। शीतल कंचनजंगा के साथ ही बाकी सभी चोटियों को फतह कर चुकी हैं।