लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले मणिपुर में बीजेपी को झटका
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल नगा पीपुल्स फ्रंस यानि NPF ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
NPF के प्रवक्ता अचुमबेमो किकोन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोहिमा में पार्टी के मुख्यालय में लंबी बैठक के बाद ये फैसला किया गया है। आपको बता दें कि मणिपुर में इस वक्त बीजेपी की सरकार है और एन बिरेन सिंह सूबे के मुख्यमंत्री हैं।
Achumbemo Kikon, Naga People's Front (NPF) Spokesperson to ANI: We had a long meeting at NPF central office in Kohima and decided to withdraw support in principle from the BJP led Manipur government. pic.twitter.com/XOAf5i65mT
— ANI (@ANI) May 18, 2019
समर्थन वापसी पर क्या असर पड़ेगा?
नगा पीपुल्स फ्रंट के समर्थन वापसी का फिलहाल बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 29 विधायक हैं। NPF के समर्थन वापसी के बाद भी बीजेपी का पास 32 विधायकों का समर्थन मौजूद रहेगा। इस तरह से सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। आपको बता दें कि बीजेपी को अब तक 36 विधायकों समर्थन हासिल था। जिसमें NPF के चार विधायक, LJP के एक विधायक, AITC के एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सीटें ही जीती थीं, लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस के 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गये थे। इस तरह से बीजेपी के कुल विधायकों की संख्या 29 हो गई थी।
NPF का आरोप है कि बीजेपी अपने सहयोगियों को तुच्छ समझती है। मणिपुर NPF के अध्यक्ष अवांगवोउ नेवई ने कहा कि बीजेपी प्रदेश में सत्ता में साझीदार दलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार गठन के बाद से ही बीजेपी ने कभी भी गठबंधन की मूल भावना का सम्मान नहीं किया। अवांगवोउ ने कहा कि बीजेपी ने सरकार ने गठन के वक्त जो वादे किए थे वो अब तक पूरे नहीं हुए हैं। हालांकि बीजेपी ने आरोपों से इनकार किया है।