गाजीपुर: आदर्श बाजार में जलभराव-गड्ढों से परेशान लोगों ने सड़क पर रोपी धान, प्रशासन के खिलाफ जताया विरोध
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के आदर्श बाजार की बदहाल सड़कों से त्रस्त जनता का सब्र आखिरकार टूट गया। ब्लू बर्ड स्कूल के सामने जलजमाव और बड़े-बड़े गड्ढों से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क के गड्ढों में धान की रोपाई कर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
बारिश के मौसम में यह व्यस्ततम इलाका कीचड़ और दलदल में तब्दील हो चुका है, जिससे राहगीरों, स्कूल के बच्चों, बाइक सवारों और टेंपो चालकों को रोजाना भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इसे अब ‘मौत का रास्ता’ कहने लगे हैं।
जनप्रतिनिधियों पर उठे सवाल
प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब इस क्षेत्र में स्थानीय विधायक और राज्यसभा सांसद का आवास भी स्थित है, तो फिर इस बुनियादी समस्या को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?
‘जब सड़क नहीं, तो खेती ही सही’
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी सुरेश कुमार कुशवाहा, उपेंद्र यादव, बृजेश कुमार और कुनिल ने बताया कि कई बार मौखिक रूप से शिकायतें की गईं, लेकिन प्रशासनिक टालमटोल के चलते अब तक कोई हल नहीं निकला।
उन्होंने कहा, “अब हालात इतने खराब हैं कि सड़क, सड़क न रहकर धान की खेती के लायक हो गई है। इसलिए हमने सड़क पर ही धान रोप दिया।”
प्रशासनिक जिम्मेदारियों से बचते अधिकारी
PWD और जल निगम के अधिकारियों से हुई टेलिफोनिक बातचीत भी बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, अधिकारी सिर्फ टालमटोल और आश्वासन देते रहे। कोई ठोस कार्ययोजना सामने नहीं आई।
आंदोलन और सोशल मीडिया का सहारा
मानव उदय फाउंडेशन के अजीत कुमार सिंह ने कहा कि यह सड़क हर दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। प्रशासन की चुप्पी बताती है कि उन्हें जनता की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं। लोग अब इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से उठाने लगे हैं और प्रशासनिक कार्यालयों के घेराव की रणनीति पर भी विचार कर रहे हैं।
जनता की ये है मांग
स्थानीय लोगों की मांग है कि तत्काल सड़क की मरम्मत शुरू कराई जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों को इस गंभीर मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए, ताकि लोगों का विश्वास लोकतंत्र में बना रह सके।