पाकिस्तान की ‘इंटरनेशनल बेइज्जती’!
नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव के मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है।
इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान आमने-सामने आए। अनवर मंसूर ने मित्तल की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने हाथ जोड़कर इस मुलाकात को टाल दिया। इससे पहले भी सुनवाई के दौरान आतंकी हमलों के मद्देनजर भारतीय अधिकारियों ने पाक अफसरों से हाथ नहीं मिलाया था।
The Hague (Netherlands): Government of India's agent Deepak Mittal, Joint Secretary, MEA and Pakistan's AG Anwar Mansoor Khan before the proceedings in Kulbhushan Jadhav case at the International Court of Justice. pic.twitter.com/QmZntyMFKG
— ANI (@ANI) February 18, 2019
अदालत में सुनवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान को घेरा। दीपक मित्तल और हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया। हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है और 13 बार गुजारिश करने के बावजूद कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया। दोनों ने ही कुलभूषण जाधव को निर्दोष बताया।
Harish Salve representing Kulbhushan Jadhav in International Court of Justice: If article 36 grants rights of consular access in all cases including where allegations of such kind are leveled, then demanding those can't be an abuse of those rights. pic.twitter.com/ftUtZrpT0H
— ANI (@ANI) February 18, 2019
साल्वे ने अदालत में कहा कि सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने कानूनी प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं किया। इसे ‘गैरकानूनी’ घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान का आचरण इस बात का भरोसा नहीं दिलाता कि जाधव को वहां इंसाफ मिल सकता है। साल्वे ने पड़ोसी मुल्क पर आरोप लगाया कि वह भारत के खिलाफ चलाए जा रहे अपने प्रॉपगेंडा के लिए ग्लोबल प्लैटफॉर्मस का इस्तेमाल कर रहा है।
H Salve in ICJ:Pak should've provided a substantial explanation for why it needed 3 months for providing consular access,upon which it could've claimed that it has complied with treaty obligation.Even on erroneous premise that para 4 applies,Pak hasn't complied treaty obligations pic.twitter.com/XCCcU5svJL
— ANI (@ANI) February 18, 2019
क्या है मामला?
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी को पाकिस्तान की सेना ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद वहां की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।