समझौता ब्लास्ट केस के सभी आरोपी बरी, पढ़िए कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
समझौता ब्लास्ट में हरियाणा की पंचकुला की स्पेशल NIA कोर्ट ने असीमानंद समेत सभी 4 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने पाकिस्तान की महिला वकील की याचिका को खारिज कर दिया।
इस केस में कुल 8 आरोपी थे। सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। जबकि तीन आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। ब्लास्ट में पिता को खोने वाली पाकिस्तान की राहिला वकील ने इंडियन एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर केस में गवाही देने की इजाजत मांगी थी। 18 मार्च की सुनवाई में NIA कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था।
Samjhauta Blast Case: All four accused -Aseemanand, Lokesh Sharma, Kamal Chauhan and Rajinder Chaudhary have been acquitted by Special NIA Court in Panchkula pic.twitter.com/9urDpWm87r
— ANI (@ANI) March 20, 2019
राहिला वकील ने अपनी याचिका में कुछ और चश्मदीदों के बयान को रिकॉर्ड करने की कोर्ट से अपील की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि चश्मदीदों को 6 बार समन भेजा गया, लेकिन वह नहीं आए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहिला के वकील ने बताया कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के बयान दर्ज कराने की वो अपील कर रहे हैं, वह आना तो चाह रहे थे, लेकिन उन्हें कोई समन नहीं मिला। इस पूर केस में NIA ने कुल 224 गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष की तरफ से एक भी गवाह पेश नहीं किया गया।
अदालत के इस फैसले का बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि UPA के कार्यकाल का एक और झूठा मामला खत्म हो गया है।
Samjhauta Blast Case: All four accused -Aseemanand, Lokesh Sharma, Kamal Chauhan and Rajinder Chaudhary have been acquitted by Special NIA Court in Panchkula pic.twitter.com/9urDpWm87r
— ANI (@ANI) March 20, 2019
क्या है पूरा मामला?
भारत और पाकिस्तान के बीच हफ्ते में दो दिनों तक चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में धमाका हुआ था। ये धमाका हरियाणा के पानीपत जिले के दीवाना स्टेशन के पास हुआ था। इस ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 12 लोग घायल हो गए। ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। धमाके में मरने वाले ज्यादातर लोग पाकिस्तानी थे। ब्लास्ट कराने का आरोप असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला पर लगा था। इस केस में कुल 302 गवाह थे। जिसमें चार पाकिस्तानी थे।