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सवालों में सीबीआई के छापे, बालू, बी चंद्रकाल तो बहाना हैं! लोकसभा चुनाव से पहले कहीं अखिलेश तो नहीं निशाना हैं?

उत्तर प्रदेश में अवैध बालू खनन मामले को लेकर सीबीआई की टीम ने शनिवार को दिल्ली, यूपी और हमीरपुर समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की।

जिन प्रमुख लोगों के ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की उनमें सबसे ज्यादा चर्चित आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला हैं। चंद्रकला के लखनऊ निवास पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। उनके अलावा समाजवादी पार्टी के एक नेता और बसपा के एक नेता के घर भी छापेमारी की गई। खास बात ये है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अखिले के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग उन्ही के पास था।

इस मामले में अखिलेश यादव का नाम आते ही राजनीति तेज हो गई है। अखिलेश यादव का नाम इस मामले में ऐसे समय में लिया जा रहा है जब उनकी पार्टी और बीएसपी के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन और सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है। कुछ लोग सवाल इस बात पर खड़े कर रहे हैं कि कहीं सपा-बसपा के गठनंधन को असंतुलित करने की कहीं कोई कोशिश तो नहीं हो रही है।

सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एजेंसी ने दो जनवरी को 11 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें कुछ ज्ञात, अज्ञात नौकरशाहों सहित अन्य लोग शामिल हैं।

सीबीआई ने इस मामले में हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी और महिला आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, माइनर आदिल खान, जियोलॉजिस्ट/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्र, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम अक्षय प्रजापति, बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजय दीक्षित, उसके पिता सत्यदेव दीक्षित, खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम अवतार सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली के लाजपत नगर क्षेत्र और कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, जालौन, हमीरपुर और नोएडा (उत्तरप्रदेश) में 14 स्थानों पर छापेमारी की गई। दयाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में साल 2012 से 2016 के बीच अवैध बालू खनन मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने ये मामला अपने हाथ में लिया है।

अधिकारी ने बताया कि सीबीआई के हाथ कई दस्तावेज लगे हैं और आईएएस अधिकारी के एक बैंक लॉकर और दो बैंक खातों को जब्त किया गया है। आदिल खान के आवास से सीबीआई को खनन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। उन्होंने बताया, “हमने पाया कि उन्हें खनन लाइसेंस तत्कालीन खदान मंत्री गायत्री प्रजापति की सिफारिश पर मिला था।”

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने मोइनुद्दीन के हमीरपुर स्थित आवास से 12.5 लाख रुपये की नकदी और 1.8 किलोग्राम सोना बरामद किया, जबकि खनन विभाग के सचिव राम अवतार सिंह के जालौन स्थित घर से दो करोड़ रुपये नकदी और दो किलोग्राम सोना बरामद किया गया। अधिकारी ने कहा, “राम अवतार सिंह ने भी दूसरे के नाम से खनन का लाइसेंस हासिल किया था।”

एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 2012-16 के दौरान खदान मंत्री की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2012 और 2013 में खनन मंत्रालय अपने पास रखा था और बाद में उन्होंने गायत्री प्रजापति को खनन मंत्री बना दिया था। यही वजह है कि अब वो भी इस जांच के घेरे में आ गए हैं। अभी तो सिर्फ उनका नाम इस मामले में आया। जाहिर जब उनसे इस मामले में पूछताछ होगी तो राजनीति और गर्म होगी।

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