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सोनिया गांधी की इस चाल से दोबारा पीएम नहीं बन पाएंगे मोदी! 2004 में ये कारनामा कर चुकी हैं यूपीए अध्यक्ष

लोकसभा चुनाव के 6 चरण का मतदान हो चुका है। सिर्फ आखिरी चरण का मतदान बाकी है, जो 19 मई को होगा।

6 चरण के मतदान के बाद जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उनकी मानें तो चुनाव में पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी को झटका लग सकता है। हाल में आए रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी के पूर्ण बहुमत में आने की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए उसे जोड़-जोड़ की राजनीति करनी पड़ेगी। ऐसे में बीजेपी की सरकार न बन पाए और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी से दूर रखने के लिए सोनियां गांधी ने चाल चलनी शुरू कर दी है। अब तक शांत बैठीं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गठबंधन की सरकार बनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। आखिरी चरण के मतदान होने से पहले उन्होंने देश की सभी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है।

खबरों के मुताबिक, सेनियां गांधी ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को फोन किया है। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से कहा है कि वो 22, 23 और 24 मई को दिल्ली में रहें। सोनिया गांधी के इस कदम से ये माना जा रहा है कि उन्होंने विपक्षी दलों को साथ लाने की जिम्मेदारी उठा ली। गौरतलब है कि 2004 में सोनिया ने इसी तरह से अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। उनकी मेहनत और कोशिशों का नतीजा था कि 2004 में यूपीए-1 सरकार का गठन हुआ, जिसमें कई पार्टियां शामिल हुई थीं।

माना जा रहा है कि आखिरी चरण का मतदान खत्म होते ही सोनिया गांधी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर सकती हैं। इस बैठक के साथ ही उनकी ये कोशिश होगी कि देश में क्षेत्रीय दलों को ये संदेश दिया जाए कि वे किसी एक दल को समर्थन देने की बजाय गंठबंधन को समर्थन दें, ताकि गठबंधन को ही सरकार बनाने का मौका मिले।

23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए शायद बहुमत का आंकड़ा पाने से चूक जाएगी। अगर ऐसा हुए तो एक बार फिर देश में राजीनित का रुख बदलेगा। जाहिर है ऐसे में गठबंधन का अहम रोल होगा, जिसे सोनिया एकजुट करने में जुटी हुई हैं। अगर सोनिया की रणनीति काम कर गई तो एनडीए का सरकार बनना और नरेंद्र मोदी का दोबारा पीएम बनाने की कोशिशों को झटका लग सकता है।

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